पुलिस के मुताबिक, गांधी कॉलोनी जावरा, जिला रतलाम निवासी 24 वर्षीय प्राची शर्मा पिता अरुण शर्मा की 14 जून 2018 को शिवा अपार्टमेंट लाजपत राय सोसायटी अरेरा कालोनी भोपाल निवासी सजल उपाध्याय पिता संजय उपाध्याय के साथ हुई थी। सजल लोक निर्माण विभाग में एसडीओ हैं। वर्तमान में खंडवा में पदस्थ हैं। प्राची ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद से पति, सास मीना व ससुर संजय ने दहेज लाने के लिए प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। शादी के समय माता-पिता ने अपनी हैसियत से ज्यादा उपहार स्वरूप 60 तोला वजनी सोने के जेवर व चालीस लाख रुपए दिए। विवाह के समय प्राची के खाते में 15 लाख रुपए भी जमा थे। शादी के बाद पति, सास व ससुर ने मिलीभगत कर खाते से पूरी रकम निकाल ली। मायके से मिली सामग्री का भी सास-ससुर उपयोग नहीं करने देते थे। इसी बीच प्राची के पिता अरुण शर्मा को बेटी को प्रताडि़त करने की जानकारी मिली। अरुण शर्मा ने बीती 11 जून को 50 हजार रुपए बेटी के खाते में डाले। पत्नी के साथ मारपीट कर सजल ने 4 नवंबर को उक्त रकम भी निकाल ली। इसके बाद 50 लाख रुपए की दहेज की मांग करने लगा।
घर से निकालकर लगा दिया ताला
प्राची का कहना कि दहेज नहीं लाने पर पति, सास व ससुर ने उसे घर से निकालकर ताला लगा दिया। प्राची घर के बाहर भटकती रही, जबकि तीनों का अब तक पता नहीं चल सका है। बेघर हुई प्राची ने हबीबगंज थाने पहुंच कर आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
ससुर एसडीएम और सास शिक्षिका है
प्राची ने पुलिस को बताया कि सजल के पिता संजय ग्वालियर में एसडीएम हैं। जबकि सजल की मां मीना उपाध्याय शिक्षिका हैं। प्राची का कहना कि इतने बड़े पदों में रहने के बाद भी ससुराल पक्ष दहेज की मांग कर रहा है। दहेज नहीं लाने पर प्रताडि़त किया जा रहा है।
कुटुंब न्यायालय में चल रहा केस
प्राची व सजल का मामला कुटुंब न्यायालय में भी चल रहा है। जिसमें सजल ने वैचारिक मतभेद के कारण अलग होने के लिए आवेदन लगाया है।