दरअसल, पिछले वर्षों में विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) में कार्यरत असिस्टेंट प्रोफेसर्स को कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रमोशन देकर एसोसिएट प्रोफेसर बनाया गया है यहां केस की प्रक्रिया पर शुरुआत से ही सवाल खड़े होते रहे हैं। अब एआईसीटीई के स्पष्टीकरण के बाद इन्हें एसोसिएट प्रोफेसर को मिलने वाले आर्थिक लाभ ही मिल सकेंगे लेकिन इनका पद असिस्टेंट प्रोफेसर ही होगा। हालांकि, आरजीपीवी अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। राज्य सरकार के तकनीकी शिक्ष विभाग द्वारा भी इस मामले में संज्ञान नहीं लिया गया है।
ये शिक्षक भी होंगे प्रभावित
स्पष्टीरकरण के आने के बाद न सिर्फ आरजीपीवी बल्कि आरजीपीवी से संबद्ध शासकीय कॉलेजों में कार्यरत वे सभी शिक्षक प्रभावित होंगे, जिन्हें पीएचडी नहीं होने के बाद भी एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा दे दिया गया।
एआईसीटीई से मांगा जा रहा था मार्गदर्शन
बिना पीएचडी के एसोसिएट प्रोफेसर बनाया जा सकता है या नहीं, यह मुद्दा कई तकनीकी शिक्षण संस्थानों में बहस का कारण था। संस्थानों द्वारा एआईसीटीई से मार्गदर्शन मांगा जा रहा था। इसके बाद यह स्पष्टीकरण जारी कर स्थिति स्पष्ट की गई है।