दरअसल, परिवहन विभाग में 22 साल से कार्ड प्रिटिंग कर रही स्मार्ट चिप कंपनी ने 30 सितंबर को काम खत्म कर दिया था। विभाग ने दिसंबर तक एक्सटेंशन दिया, पर विभाग पर 88 करोड़ का बकाया होने से कंपनी ने काम बंद कर दिया।
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डीएल और रजिस्ट्रेशन देने का काम अभी प्रदेशभर में राजस्थान मॉडल पर किया जा रहा है। राजस्थान समेत कई कार्ड की बजाय पीडीएफ दी जाती है। इसे डाउनलोड कर लोग इस्तेमाल करते हैं। सूत्र बताते हैं, यदि किसी कंपनी से बात नहीं बनी तो राजस्थान मॉडल स्थायी तौर पर लागू हो सकता है।