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भोपाल

अब भयंकर तूफान का डर, पहली बार एक साथ तीन च्रकवात, कई जिलों में बदलेगा मौसम

ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ तीन तूफान बने हैं।

भोपालNov 07, 2019 / 08:12 am

Pawan Tiwari

अब भयंकर तूफान का डर, पहली बार एक साथ तीन च्रकवात, कई जिलों में बदलेगा मौसम

अब भयंकर तूफान का डर, पहली बार एक साथ तीन च्रकवात, कई जिलों में बदलेगा मौसम


भोपाल. देश में एक बार फिर से एक नए समुद्री तूफान के कारण मौसम में बदलाव हुआ है। चक्रवर्ती तूफान ‘महा’ गुरुवार को गुजरात के समुद्री तट से टकराएगा। लेकिन यह कमजोर पड़ चुका है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी में ‘क्यार’ और ‘महा’ तूफान के बाद अब बुलबुल तूफान तैयार हो रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब समुद्र में एक के बाद तीन तूफान बने हैं। इस तूफान के कारण मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में एक बार फिर से मौसम बदल गया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आमतौर पर, अरब सागर में इतनी शक्ति के दो चक्रवात इतने कम समय के अंतराल में एक दुर्लभ घटना है और आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। चक्रवातों के इस विचित्र व्यवहार को मौसम पैटर्न में परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, और अधिकांशतः जलवायु परिवर्तन ही इसका मुख्य कारण नजर आ रहा है। इस साल, अभी तक छह चक्रवात पहले ही अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में बन चुके हैं। इसके अलावा, सातवां चक्रवात बंगाल की खाड़ी में पहले से ही पनप रहा है और जल्द ही एक चक्रवाती तूफान के रूप में उभर रहा है। इसे बुलबुल नाम दिया गया है।
अरब सागर में इस समय दो बेहद गंभीर चक्रवात आए हैं, जिनमें साइक्लोन ‘क्यार’ एक सुपर साइक्लोन है। ‘महा’ वर्तमान में एक अत्यंत गंभीर चक्रवात है और गुजरात कोस्ट क्रॉस करने तक अपनी ताकत बनाए रखने की संभावना है। वर्ष 2018 में भी, कुल सात चक्रवात देखे गये थे। 2016 और 2017 में ऐसी तीव्रता का कोई चक्रवात नहीं देखा गया। 2015 में दो ऐसे तूफान आए, जिनमें ‘चपला’ भी शामिल था, जो यमन की ओर बढ़ रहा था। 2013 में चक्रवात फैलिन था, जो एक अत्यंत गंभीर चक्रवात था। 2011 और 2012 में इतनी तीव्रता का तूफान नहीं आया था। वैसे, 2010 में “गिरी” तूफ़ान था, जिसने म्यांमार लैंडफॉल किया था, जबकि 2009 फिर से एक मजबूत चक्रवात वर्ष नहीं था। 2008 में नरगिस को देखा गया जो म्यांमार की ओर गया था और प्री मानसून सीज़न में इसका गठन हुआ था।
मध्यप्रदेश में बारिश की संभावना
पूर्वी देशांतर के निकट, पोरबंदर (गुजरात) के लगभग 390 किमी पश्चिम में, इसके लगभग पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है। 7 नवंबर की सुबह पूर्वोत्तर एवं उससे सटे मध्य -पूर्वी अरब सागर पर एक गहरे अवसाद (डीप डिप्रेशन) में कमजोर होने की संभावना है। 7 नवंबर की दोपहर तक यह सौराष्ट्र तट के आसपास के क्षेत्रों को घेरने एवं दीव के दक्षिण में लगभग 40 किलोमीटर दूरी पर केंद्रित होने की बहुत संभावना है।
आगामी 24 घंटों के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, धार, इंदौर, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी,उज्जैन, नीमूच, शापुर, देवास आगर, मंदसौर,भोपाल, सीहोर, श्योपुरकलां, मुरैना जिलों में कहीं-कहीं वर्षा के आसार हैं। 24 घंटों के बाद के 48 घंटों में पश्चिमी मध्य प्रदेश में वर्षा गतिविधियों में मामूली बढोत्तरी हो सकती एवं पूर्वी मध्य प्रदेश में छुटपुट वर्षा के आसार हैं। 9 से 13 नवबर के दौरान मध्य प्रदेश का शुष्क रहने आसार हैं। अगले 3-4 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा।

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