अब तक 70 की मौत, 15 करोड़ का नुकसान
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से अभी तक 15 करोड़ रुपए के नुकसान का प्रारंभिक आंकलन सरकार ने किया है। 70 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रदेश के 23 जिलों में बारिश का असर है।
सबसे ज्यादा प्रभावित मंदसौर जिला है। यहां सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के मंडला और रायसेन जिले में वर्षा से सर्वाधिक 9-9 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा बड़वानी, रतलाम, झाबुआ, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, सीहोर, विदिशा, होशंगाबाद, मंदसौर, अलीराजपुर, शाजापुर, खरगोन, सागर, टीकमगढ़, बैतूल, कटनी, छिंदवाड़ा, डिण्डोरी में भी मौतें हुई हैं।
पांच हजार से ज्यादा लोगों को राहत कैंपों तक पहुंचाया
रतलाम, मंदसौर और नीमच में शिवना सहित अन्य नदियों के उफान पर होने से जनजीवन काफी हद तक प्रभावित हुआ। यहां पांच हजार से ज्यादा लोगों को राहत कैंपों तक पहुंचाया गया। कई क्षेत्रों में मकान खाली कराए गए। शामगढ़ में करंट लगने से मंदिर के गार्ड की मौत हो गई। ओरछा में बेतवा नदी की बाढ़ में फंसे लोगों को वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया।
पुल-पुलिया पर पानी, दो हिस्सों में शहर
शाजापुर में चीलर नदी के उफान पर होने से शहर दो हिस्सों में बंट गया। आगर तहसील में लखुंदर नदी का पानी बड़े पुल पर आ जाने से बगलामुखी माता मंदिर का मार्ग करीब 18 घंटे बंद रहा। सुसनेर में भारी बारिश के कारण कंठाल नदी उफान पर है। इस कारण कई रास्ते बंद हो गए हैं। छतरपुर-टीकमगढ़ मार्ग पर खरीला के पास पुल पर पानी बहने से करीब छह घंटे तक आवागमन बंद रहा।
कई कच्चे मकान भी हुए धराशायी
अशोकनगर में तेज बारिश से कई गांव पानी से घिर गए हैं। पांच हजार बीघा में खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है। सैकड़ों मकान धराशायी हो गए। नेशनल हाईवे के बहादुरपुर स्थित पुल पर लोगों को ट्यूब के सहारे नदी पार करनी पड़ी। वहीं राजघाट का पुल लगातार 60 घंटे से अधिक समय से डूबा है। रायसेन जिले में भी कई रास्ते बंद रहे। गुरुवार रात से भोपाल-जबलपुर रोड पर बरेली के पास बारना का पुल जलमग्न हो गया। इससे भोपाल-जबलुपर के बीच लगभग 15 घंटे तक आवामन बंद रहा।
भारी बारिश की चेतावनी देखते हुए प्रशासन को अलर्ट किया है। जलभराव क्षेत्र पर विशेष सावधानी के निर्देश दिए हैं। आम लोगों से अपील है कि जिन पुल-पुलिया पर नदियों का पानी बह रहा है, वहां से न गुजरें।
कमलनाथ, मुख्यमंत्री
बाढ़ जैसे संवेदनशील मामले को राजनीतिक नहीं बनाना चाहता हूं, लेकिन सरकार से इतना जरूर कहूंगा कि बाढ़ से निपटने के लिए बेहतर रणनीति बनाना चाहिए। इस समय लोगों को सरकार की जरूरत है। -शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम