एमपी की मोहन सरकार के पूर्ण बजट को लेकर सभी की निगाहें लग गई है। वित्त विभाग के अफसर तैयारियों में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक एमपी विधानसभा का बजट सत्र फरवरी के आखिरी सप्ताह से लेकर मार्च के पहले सप्ताह के बीच हो सकता है। इन्हीं दिनों में एमपी बजट भी पेश हो सकता है।
सूत्रों के मुताबिक बजट सत्र से एक माह पहले राज्यपाल की अनुमति के बाद अधिसूचना जारी की जाती है। सीएम मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर बजट सत्र की पूरी रूपरेखा तय कर देंगे। इसके बाद राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। इस सत्र की अवधि 20 दिनों की हो सकती है। यानी 20 बैठकें पूरे बजट सत्र के दौरान होंगी। विधानसभा सत्र के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन सवालों के साथ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा और अन्य सूचनाओं के बारे में समय निर्धारित कर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि बजट सत्र 27 फरवरी से 4 फरवरी के बीच किसी भी तारीख को बुलाया जा सकता है।
दूसरा पूर्ण बजट क्यों?
मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव का यह दूसरा पूर्ण बजट है। तीन जुलाई 2024 को उन्हें पहला पूर्ण बजट पेश किया था। यह 2024-25 का बजट 365067 करोड़ रुपए का था, जो साल 2023-24 के मुकाबले 16 फीसदी अधिक था।
लाडली बहनों पर ज्यादा फोकस
इस बार के बजट में लाडली बहनों पर भी ज्यादा फोकस किया जा रहा है। क्योंकि लाडली बहनों सहित कई योजनाओं की राशि में सरकार जिस तरह से पैसा बांट रही है, उससे बजट तो बढ़ना तय है। हालांकि विपक्ष का भी दबाव है कि सरकार महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की राशि बढ़ा दे।
जनता से भी मांगे सुझाव
एमपी के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इस बार भी पूर्ण बजट पेश करने वाले हैं। सरकार ने इस बार भी जनता से सुझाव मांगे गए हैं। यह सुझाव आनलाइन या पत्रों के जरिए मांगे है। इसमें सरकार जनता के सुझावों को अमल में लाएगी। आम जनता से अखबार के जरिए, फोन के जरिए और वेबसाइट और ईमेल के जरिए सुझाव मांगे गए हैं। इस बीच, सरकार बजट को जनता के लिए अनुकूल बनाने के लिए विषय-विशेषज्ञों से भी संवाद कर रही है। बताया जा रहा है कि इस बार का बजट भी युवा, महिला, गरीब और किसानों पर फोकस्ड रहेगा।