भोपाल। एक समय था जब लोग अपने घर के बाहर ही अपना मंदिर बनाते थे। ये मंदिर परिवार का मंदिर होता था। हर सदस्य की सुबह इस पारिवारिक मंदिर से ही शुरू होती थी। पर क्या आप जानते हैं घर में मंदिर स्थापना की गलत दिशा आपको कंगाल बना सकती है?
पंडित अशोक कुमार शर्मा आपको बता रहे हैं घर में मंदिर स्थापना के कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स जिनका ध्यान रखकर घर में मंदिर स्थापित किया जाए, तो आपके घर में लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी। घर का हर सदस्य खुश रहेगा और तरक्की दिन दुनी, रात चौगुनी हो जाएगी। फॉलों करें ये टिप्स…
1. घर में पूजा का कमरा सबसे ज्यादा अहमियत रखता है। यह ऐसा स्थान होता है, जहां भगवान का स्मरण आपको शारीरिक और मानसिक शांति देता है।
2. एक महत्वपूर्ण बात यह है कि पूजा घर और मंदिर की सही दिशा में स्थापना आपके घर की रौनक बनाए रखती है।
3. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि काफी हद तक मंदिर की दिशा घर के हर सदस्य की आय का जरिया होती है।
4. इसलिए ध्यान रखें वास्तु के हिसाब से ही घर में मंदिर की स्थापना करें।
5. वास्तु के हिसाब से भगवान के लिए उत्तर-पूर्व की दिशा श्रेष्ठ मानी गई है। इस दिशा में पूजाघर स्थापित करें।
6.यदि मजबूरीवश पूजाघर किसी और दिशा में रखा जा रहा है, तो घर के हर सदस्य को ध्यान रखना चाहिए कि पानी पीते समय अपना मुंह ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखें।
7. पूजा घर के ऊपर या नीचे की मंजिल पर शौचालय या रसोईघर नहीं होना चाहिए। न ही इनकी दीवारों से सटा हुआ होना चाहिए।
8. कभी भी सीढिय़ों के नीचे पूजा घर नहीं होना चाहिए।
9. पूजा घर को तहखाने में बनवाने से भी घर में दरिद्रता आती है।
10. यदि आपका घर दो-तीन मंजिला है, तो पूजा घर हमेशा ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए।
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