राजनीतिक सरगर्मी के बीच उमा भारती (Former Chief Minister uma bharti) ग्राउंड पर नजर नहीं आ रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि उमा भारती शायद नाराज चल रही है। तभी तो वे हिमालय की वादियों में पहुंच गई हैं। हाल ही में भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है, जिसमें उमा भारती का कहीं नाम नहीं है। जबकि कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए सुरेश पचौरी को स्टार प्रचारक बना दिया। यह वहीं पचौरी हैं, जिन्हें उमा भारती ने भोपाल लोकसभा चुनाव में हरा दिया था। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि उमा भारती नाराज चल रही है।
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उमा भारती के नाराज होने और चुनाव के बीच से गायब होने के जवाब खुद उमा भारती ने ट्वीट पर दे दिए है। उमा ने बताया है कि वे हिमालय, उत्तराखंड में हैं। उमा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भोपाल से भाजपा के उम्मीदवार प्रिय आलोक शर्मा ने मुझसे मिलने और मुझसे आशीर्वाद लेने की इच्छा व्यक्त की है, मैंने उन्हें जानकारी दी है कि मैं बहुत दूर हिमाल, उत्तराखंड में हूं।
1999 में जब मैं भोपाल से सांसद का चुनाव लड़ी तब से आलोक मेरे अनन्य सहयोगी रहे, उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा एवं निरंतर परिश्रम अनुकरणीय है। मेरी ओर से उनकी भोपाल से प्रचंड जीत का आशीर्वाद।
उमा भारती ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि वे बद्री-केदार के रास्ते पर श्री गंगा जी के किनारे रुद्रप्रयाग में हैं, यहां अलकनंदा एवं मंदाकिनी का संगम है और बीच में चामुंडेश्वरी देवी जी का मंदिर है। उमा ने साथ ही गंगा में स्नान करते हुए वीडियो भी शेयर किया है।
हाल ही में भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित किए। इनमें से एक नाम राहुल लोधी का भी नाम था, जिन्हें दमोह से टिकट दिया गया है। यह वही राहुल लोधी हैं जिन्होंने 2018 में कांग्रेस से दमोह विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। तब राहुल लोधी की दमोह से उम्मीदवारी की घोषणा के बाद पूर्व सीएम उमा भारती को सफाई देनी पड़ गई थी। उमा ने कहा था कि उनका राहुल लोधी से कोई संबंध नहीं है। दरअसल, उमा भारती के भतीजे का नाम भी राहुल लोधी है और वे टीकमगढ़ के खरगापुर से भाजपा विधायक रह चुके हैं और शिवराज सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे। वे पिछला विधानसभा का चुनाव हार गए थे।
उमा ने कहा कि दमोह सीट से जिस राहुल लोधी को खड़ा किया गया, वे उनके भतीजे नहीं बल्कि कोई और हैं। उमा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि दमोह लोकसभा से राहुल लोधी जी को भाजपा का टिकट मिलने से मुझे बहुत खुशी हुई, किन्तु यह मेरे बड़े भाई के बेटे राहुल नहीं है, उनसे तो मेरे भाई के परिवार का कोई रिश्ता भी नहीं है, लेकिन यह राहुल लोधी भी मुझे अपने बड़े भाई के बेटे राहुल की ही तरह प्रिय है। दमोह के राहुल लोधी कांग्रेस से विधायक बने थे, फिर यह बीजेपी में लाए गए और अब यह लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं, यह दमोह से प्रचंड मतों से जीतेंगे, मेरी शुभकामनाएं उनके साथ है।
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