आपको बता दें कि, मंगलवार को उमा भारती ने एके के बाद एक छह ट्वीट किए हैं। इन ट्वीट्स के जरिए उन्होंने कहा कि, ‘जब 8 तारीख़ पूर्णिमा को भोपाल छोड़ा तो जैसा सोचा था, उसमें आवास व्यवस्था में कुछ संशोधन करना पड़ा। क्योंकि मेरी देखरेख में लगी पुलिस और प्रशासन को मेरी वजह से बहुत असुविधा होने लगी थी। आज से तीन दिन तक अपने आवास भोपाल में ही रहूंगी। कुछ ज़रूरी मेडिकल चेकअप होने हैं। कोरोना की दोनों लेहरों में कोरोनाग्रस्त होने के कारण बहुत जोर से शुगर और बीपी हो गए हैं। इस बीच के प्रवास में थोड़ी लापरवाही हुई हैं। आज से तीन दिन तक अपने आवास भोपाल में ही रहूंगी। इसलिए 3 दिन में चेकअप हो जाने के बाद दोबारा भ्रमण पर निकलूंगी। हालांकि, इस दौरान आपको बताती रहूंगी कि, मैं कहा हूं।’
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शराबबंदी पर आर – पार की बात
उन्होंने अपने ट्वीट्स में आगे कहा कि, ‘अभी तक के भ्रमण से ये बात स्पष्ट हो गई है कि पूरे प्रदेश की जनता को शराब के ख़िलाफ़ करने के लिए किसी आंदोलन या अभियान की ज़रूरत नहीं हैं। पूरे प्रदेश के लोग शराब के ख़िलाफ़ हैं। अब तो शराब पर हमारी सरकार की नई संशोधित शराब नीति जो की जनवरी में घोषित होकर अप्रैल से लागू हो जाएगी, उसी नीति की प्रतीक्षा हैं। मैं आशान्वित भी हूं, आशंकित भी हूं और जैसा की पहले से ही तय है की 17 जनवरी के बाद आर या पार की लड़ाई भी हो सकती हैं।’
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पहले भी अपनी ही सरकार पर उटा चुकी हैं सवाल
आपको बता दें कि, इससे पहले भी कई बार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साध चुकी हैं। इसी के साथ अब उन्होंने घोषणा कर दी है कि, जनवरी में शराब नीति आने के बाद इसे लेकर वो अपना रूख साफ करेंगी। यानी शराबबंदी पूर्ण रूप से होती है तो वो सरकार के समर्थन में होंगी, वरना लड़ाई आर – पार की होगी।
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