मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विश्व प्रसिद्ध बड़ा तालाब है। इस तालाब में पर्यटकों को घुमाने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन निगम की ओर से क्रूज चलाई जाती है। यह जल परी एक बड़ी मोटरबोट है, जिसे लोग छोटा जहांज भी कहते हैं। रविवार को छुट्टी के कारण बड़ी संख्या में क्रूज पहुंचे थे। वे इस क्रूज में समुंदर के समान नजर आने वाले बड़े तालाब की सैर कर रहे थे। तभी चलते-चलते क्रूज पानी में रुक गया। वो आगे भी नहीं बढ़ पा रहा था। जब क्रूज के केप्टन ने क्रूज के नीचे देखा और उसकी टेक्निकल टीम को बताया तो सभी हैरान रह गए। यह क्रूज मछली पकड़ने के जाल में फंस गया था। घटना करीब 12 बजे दिन की बताई जाती है। पर्यटकों ने प्रशासन की इस व्यवस्था पर नाराजगी भी जाहिर की है।
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दूसरी बोट से लाए किनारे
जब बोट मछली पकड़ने के जाल में फंसकर बीच तालाब में रुक गई तो किनारे से मोटरबोट मंगाई गई और पर्यटकों को दूसरी बोट से किनारे लाया गया। उन्हें लाइफ जैकेट पहनाकर किनारे लाया गया। इस दौरान वे सभी उफनती लहरों के बीच दहशत में रहे। इनमें कुछ पर्यटक ऐसे भी थी, जिन्हें एयरपोर्ट पहुंचना था। यदि समय रहते उन्हें किनारे नहीं लाते तो वे फ्लाइट से चूक जाते।
गौरतलब है कि हाल ही में भोपाल के छोटे तालाब में हुए बड़े हादसे में 11 युवकों की मौत हो गई थी। यह सभी गणेश विसर्जन करने के लिए बगैर लाइफ जैकेट पहने ही नाव में बैठ गए थे। इसे बाद गणेश विसर्जन करते हुए नाव का संतुलन बिगड़ा और एक-एक करके 11 युवकों की डूबने से मौत हो गई। घटना के बाद से प्रशासन मुस्तैदी के साथ पानी में जाने वाले लोगों पर नजर बनाए हुए है।
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यह है जल परी
-50 लोगों की क्षमता वाला है क्रूज।
-दो मंजिल का यह क्रूज लोगों के आकर्षण का केंद्र है।
-पर्यटन निगम की ओर से चलाया जाता है।
-यह क्रूज पर्यटकों को आधे से एक घंटे तक बड़ी झील की सैर करता है।