चीतों के घर से बाहर जाएंगे टाइगर, सामने आई ये बड़ी वजह
Tigers Shifting: टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में चीतों का दूसरा घर बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन यहां पहले से अपनी टैरिटरी बनाकर घूम रहे बाघों को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा।
Tigers Shifting: मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों की राह में रुकावट पैदा करने वाले तेंदुओं को दूर का वनवास मिलेगा। अभी इन्हें अभयारण्य में ही एक से दूसरे क्षेत्रों में शिफ्ट किया जा रहा था। इस पर चीता स्टीयरिंग कमेटी और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सदस्यों ने आपत्ति जताई। कहा कि इन्हें अभयारण्य से बाहर दूसरे टाइगर रिजर्व या अभयारण्यों में शिफ्ट करो।
असल में बारिश के बाद गांधीसागर में चीते लाए जाने हैं। मध्य प्रदेश में चीतों की शिफ्टिंग दक्षिण अफ्रीका से होनी है। इसे लेकर अभयारण्य के अंदर कई दौर की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। दक्षिण अफ्रीका व चीता स्टीयरिंग कमेटी के अधिकारी मुआयना कर चुके हैं। जिसमें यह तय हुआ था कि अभयारण्य के अंदर मौजूद 24 तेंदुओं को चीतों के लिए तैयार बाड़ा क्षेत्र से बाहर करें।
विशेषज्ञ और अधिकारियों की आपत्ति के बाद वन विभाग ने मंदसौर के गांधी सागर अभयारण्य (Cheetah Second Home) से चार तेंदुओं को अभयारण्य के अंदर ही एक से दूसरे क्षेत्र शिफ्ट (tiger shifting) कर दिया था। ये शिफ्टिंग बीते महीने की थी। जब बात चीता स्टीयरिंग कमेटी के पास पहुंची तो विशेषज्ञों ने आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि अंदर शिफ्टिंग के बजाय शेष तेंदुओं को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura tiger reserve), खिवनी अभयारण्य समेत दूसरे रिजर्व व अभयारण्यों (Tiger reserve and sanctuaries in MP) में शिफ्ट किया जाए। चीता परियोजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि तेंदुओं को दूसरे रिजर्व व अभयारण्यों में भेजने की योजना बना ली है।