राजधानी से सटे वन क्षेत्रों में दो दर्जन से अधिक बाघ भ्रमण कर रहे हैं। एक सप्ताह पहले भानपुरा केकडिय़ां गांव के पास आदिवासी किशोर सुनील चौहान और उसके साथियों का बाघ से अचानक सामना हुआ। इसमें सुनील मामूली रूप से घायल भी हुआ। इसके बाद आदमपुर, बालमपुर, भानपुर, अमोनी सहित केरवा में बाघ के कम घने जंगल में मूवमेंट और ग्रामीणों द्वारा बाघ देखे जाने के मामले सामने आए हैं। जानकार बताते हैं कि इसके पीछे बढ़ी हुई गर्मी कारण है, जिसके चलते बाघ पानी की तलाश में बाहरी इलाकों के आसपास घूम रहे हैं या कुछ और कारण है।
ग्रामीण क्षेत्रों में धमक
विदिशा रोड पर बालमपुर घाटी के पास अमोनी गांव में बाघ दिखने से सनसनी फैल गई। यहीं प्रेमपुरा गांव के पास भी बाघ देखा गया। एक साथ दो जगहों पर गांव के पास बाघ देखे जाने के बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए गश्त बढ़ा दी है।
शहर के नजदीक भी
समरधा रेंज के सबसे चर्चित केरवा इलाके में भ्रमण कर रही बाघिन अमूमन जंगलों में रहती है, लेकिन शनिवार को कई राहगीरों ने बाघिन को सडक़ से कुछ ही दूरी पर बैठे देखा। इसी इलाके के भानपुर गांव के पास बाघ देखने की सूचना आई।
बाघ अपने ही इलाके में है
जहां बाघ दिखे हैं, वह जगह फेंसिंग से घिरी है, बाघ अपने ही इलाके में है। वन्य प्राणियों के लिए वन क्षेत्र में पर्याप्त पानी के इंतजाम है। लगातार गश्त करने के साथ ग्रामीणों को बाघ भ्रमण इलाके में न जाने की समझाइश दी जा रही है। -एके झंवर, रेंजर, समरधा