वन विभाग ने आनन-फानन में राज्य पर्यटन विकास निगम पर 15 सितंबर को वन अपराध भी दर्ज कर दिया, लेकिन अफसर दो महीने में अवैध होटल व रिसॉर्ट को तोड़ नहीं पाए। अब फिर दिल्ली में बुधवार को बोर्ड की बैठक प्रस्तावित है। इसमें राज्य वन्यप्राणी अभिरक्षक वीएन अंबाड़े को रिपोर्ट पेश करनी है।
अफसरों ने दिलाई थी नियम विरुद्ध मंजूरी
रिजर्व क्षेत्र के सीधी सोन घडिय़ाल अभयारण्य में कठबंगला व परिसिली वन क्षेत्र में नियम विरुद्ध निर्माण का प्रस्ताव राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में रखा गया था। प्रस्तावों को राज्य वन्यप्राणी बोर्ड से इस आधार पर मंजूरी दिलाई कि दोनों कामों की जो कुल लागत होगी, उसका दो प्रतिशत वन विभाग को दिया जाएगा। राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक से दोनों प्रस्तावों को मंजूरी मिलती, उससे पहले ही अफसरों ने दोनों निर्माण कार्यों पर 10 करोड़ से ज्यादा रुपए फूंक दिए। इन क्षेत्रों में पहले से जो संरचनाएं थीं, उन्हें पक्का स्वरूप दिया गया। वन्यप्राणियों के परिवेश में खलल पैदा हुआ। विशेषज्ञ अजय दुबे का कहना है कि केंद्र की योजना में कहीं इस बात का जिक्र नहीं है कि अवैध रूप से बाघों के घरों में घुसकर निर्माण किए जाएं। उन्होंने प्रस्ताव लाने की जांच कराने की मांग की है।
अफसर ऐसे खेल रहे कागजी खेल
केंद्र ने 31 जुलाई को मामला पकड़ा। 3 सितंबर को रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर अमित कुमार दुबे ने घडिय़ाल अभयारण्य के अधीक्षक को कार्रवाई के निर्देश दिए। 11 सितंबर को अधीक्षक ने राज्य पर्यटन विकास निगम के कार्यपालन यंत्री रीवा संभाग, प्रबंधक परिसिली रिसॉर्ट, टूरिज्म बोर्ड सीधी और प्रबंधक कठबंगला को नोटिस देकर 10 दिन में अवैध निर्माण तोडऩे को कहा।
अब इस तरह बचाव का रास्ता निकालने की कोशिश
19 सितंबर को राज्य पर्यटन विकास निगम सागर के कार्यपालन यंत्री ने वन विभाग को एक पत्र लिखा है जिसमें बताया कि केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना के तहत वाइल्डलाइफ सर्किट बनाए जाने हैं। इसके लिए दोनों काम किए जा रहे थे, इसके लिए राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की सहमति भी ली थी।