स्केटिंग सिखाती है बैलेंस करना
स्केटिंग कोच साजिद खान ने बताया कि इस बार 150 बच्चे स्केटिंग सीख रहे हैं। इसमें 6 साल से ऊपर के बच्चे शामिल हुए हैं। ये बॉडी को फ्लेक्सिबल और बैलेंस करना सिखाता है। साथ ही माइंड फ्रेश होता है। इससे बच्चे भविष्य में सही चुनाव करने में सक्षम होते हैं। जिमनास्टिक कोच नरेन्द्र महावर ने बताया कि इस बार 5 से 18 उम्र के 160 बच्चे जिमनास्टिक सीख रहे हैं। इसमें बच्चे फन एक्टिविटी के साथ कई तरह की एक्सरसाइज करते हैं। इसमें फ्लेक्सिबिलिटी और स्ट्रेंथ पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है। जो बच्चे आलसी और चिड़चिड़े होते हैं इनके लिए अच्छा ऑप्शन है। इस खेल को बच्चों को बचपन से ही कराना चाहिए, जिससे बॉडी फ्लेक्सिबल बने।
280 बच्चों ने बॉस्केटबाल में रजिस्ट्रेशन कराया
बास्केटबॉल की हेड कोच मीना श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक 280 बच्चों ने बॉस्केटबाल में रजिस्ट्रेशन कराया है। सुबह और शाम को 4 बेच में 8 से 25 उम्र के बच्चे शामिल हैं। इसे खेलने से स्ट्रेस कम होता है। पेरेंट बच्चों को इस गेम में इसलिए भेजते हैं, ताकि वे साथ मिलकर चलना सीखें। उनके अंदर टीम कोडीनेशन और लीडरशिप सीखने की आदत डेवलप हो। जो बच्चे अपने आप को अकेला महसूस करते हैं और कमरे में बंद रहना पसंद करते हैं ऐसे बच्चों के लिए बास्केटबॉल अच्छा ऑप्शन है। स्ट्रेंथ और हाइट बढ़ने में सहायक है।
फेंसिंग बढ़ाती है पावर और स्ट्रेंथ
फेंसिंग कोच शानू बसेडिया बताती हैं कि इस बार लगभग 50 बच्चे फेंसिंग खेल का हुनर सीख रहे हैं। फेसिंग खेल में 3 इवेंट एपी, फॉयल और सेबर होते हैं। इसे खेलने से बच्चे फिजीकली और मेंटली फिट रहते हैं। फेंसिंग एक ओलंपिक खेल है इसमें 3 इवेंट होते हैं एपी, फॉइल और सेबर ये तीनो इवेंट्स पिस्ट के ऊपर खेले जाते हैं, फेंसिंग पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक खेल है।