भोपाल

MP में ये झरने हैं बेहद खूबसूरत, यहां गर्मियों में भी मिलेगा ठंडक का अहसास

– मप्र के बेहद खूबसूरत झरने

भोपालMay 07, 2023 / 02:17 pm

दीपेश तिवारी

यदि आप भी इस गर्मियों की छुट्टियों में कहीं घूमने का प्लान बना रहेे हैं, लेकिन समस्या ये है कि आखिर घूमने के लिए कहां जाएं। तो इसका एक उपाय है, यदि आप इन गर्मियों में ऐसी जगह घूमने जाने की सोच रहे हैं जहां आसपास पानी हो और गर्मियों में भी ठंडक का अहसास हो। तो इन स्थिति आप देश के दिल यानी मध्य प्रदेश के उन स्थानों पर जा सकते हैं जहां आपको झरनों के बीच बेहद मजे व सकून का अहसास होगा।

देशभर में कई जगहों पर झरने मौजूद है लेकिन, मध्य प्रदेश के वाटरफॉल्स प्रकृति की सबसे सुंदर क्रिएशन में से एक माना जाता है। एक ओर जहां नदियों के मायके के नाम से भी मध्यप्रदेश को जाना जाता है, वहीं मध्यप्रदेश से ही देश में बहने वाली नदियों की अधिकतर सहायक नदियों का उद्गम होता है।

भारत के दिल को मध्यप्रदेश के ये झरने अपनी तेज धाराओं से खास विशेष बनते हैं और पर्यटकों को भी राज्य में आकर्षित करते हैं। तो चलिए आज हम जानते है मध्यप्रदेश के कुछ विशेष प्रकृतिक वाटरफॉल्सके बारे में…

धुआंधार जलप्रपात
जबलपुर जिले के भेडाघाट में स्थित धुंआधार जलप्रपात जबलपुर की विशेष पहचान है। धुंआधार जलप्रपात नर्मदा नदी पर मौजूद है। 30 मीटर ऊंचे इस जलप्रपात में शरद पूर्णिमा के दिन नर्मदा महोत्सव मनाया जाता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इस जलप्रपात पर जब चांदनी पड़ती है तो यहां की सफेद संगमरमर की चट्टानें अत्यंत मोहक व शानदार दिखाई पडती हैं। आपको बता दें कि धुंआधार जलप्रपात में बोटिंग भी होती है।

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तिनचा जलप्रपात
इंदौर शहर से करीब 25 किमी दूरी स्थित तिनचा जलप्रपात इंदौर के आसपास क्षेत्र के सबसे अच्छे झरनों में से एक है। स्थानीय लोगों की यह पहली पसंद है, क्योंकि यह शहर के पास ही है। ऐसे में वीकेंड पर यहां अनेक लोग आनंद लेने आते हैं। इस झरने की सुंदरता बारिश के आगमन के साथ ही कई गुना खिल जाती है, यह तिनचा गांव के पास स्थित है। इसकी ऊँचाई 300 फीट है, ऐसे में जोखिम कारक के कारण मुख्य क्षेत्र के पास स्नान और तैराकी प्रतिबंधित है।

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दूध धारा वाटरफॉल्स
मध्य प्रदेश के अनुपपूर जिले में मौजूद इस झरने के संबंध में मान्यता है कि यह यहां दुर्वासा ऋषि ने तपस्या की थी इसलिए इस झरने का नाम दुर्वासा झरना पड़ा था। यहां हर महीने हजारों सैलानी करीब 15 मीटर की ऊंचाई से गिरते पानी को देखने आते हैं। वहीं दुर्वासा ऋषि ने तपस्या से जुडी मान्यता के अनुसार ही बाद के समय में ये दूध धारा के रूप में प्रचलित हो गया। जबकि एक अन्य धारणा के अनुसार नर्मदा जी ने किसी राजकुमार पर प्रसन्न होकर उन्हें दूध की धारा के रूप में दर्शन दिए थे, जिस कारण इसका नाम दूध धारा पड़ा।

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कपिलधारा जलप्रपात
नर्मदा नदी पर बसा हुआ यह पहला जलप्रपात मध्यप्रदेश के अमरकंटक से 7 किमी की दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात करीब 100 फीट ऊंचा है , जहां नर्मदा नदी एक ऊंची चट्टान से गिरती है। प्रकृति की गोद में बसे इस झरने में आप स्नान का आनंद भी उठा सकते हैं। इसके चारों तरफ खूबसूरत जंगल है। जिसके चलते यहां कई प्रकार के पेड़ों और पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है। इस जलप्रपात का नाम नाम कपिलधारा इसलिए रखा गया क्योंकि इस जलप्रपात के पास ही में कपिल मुनि का आश्रम था। माना जाता है कि कपिल मुनि यहां रहते थे और यहां पर तपस्या करते थे। इसके साथ ही कपिल मुनि ने यहां रहकर ही अनेक ग्रंथो की रचना भी की थी।

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पातालपानी झरना
पातालपानी झरना एक अद्भुत पर्यटन स्थल है जो इंदौर शहर से करीब 35 किमी कर दूरी पर स्थित है। यह झरना पर्यटकों को अपनी ओर बडी तेजी से आकर्षित करता है। यह एक मौसमी झरना है, ऐसे में यहां जाने का सबसे अच्छा समय जुलाई से अक्टूबर के महीनों के बीच रहता है। ये करीब 150 फीट ऊंचा जलप्रपात है। यहां आप इंदौर रेलवे स्टेशन से कैब या टैक्सी लेकर भी पहुंच सकते हैं। यहां ये भी बता दें कि पातालपानी का एक अपना रेलवे स्टेशन भी है, जिसे -पातालपानी रेलवे स्टेशन- कहा जाता है। यह झरना मौसमी होने के कारण यहां जाने पर विशेष सावधानी अवश्य रखनी होती है।

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