ऐसी है वंशावली भो पाल और आस-पास बाघ टी-1 और टी-2 की पांच पीढ़ी यहां के वनों में ही जन्मी और पली बड़ी हैं, वन विभाग के पास इनके माता-पिता के अलावा चार शावक पूर्व के और चार ये अभी के। इस तरह टी फैमिली का इतना ही रिकॉर्ड है। योंकि शावक वयस्क होने के बाद अपनी टेरेटरी तलाशते हुए अलग हो जाता है। भोपाल के बाघों के नाम के साथ बीटी कैटेगरी देने की बात भी चल रही है, इसका कारण ये है कि टी कैटेगरी में रातापानी के बाघ हैं। लेकिन भोपाल में जन्मे शावकों के नाम के आगे बीटी लगाने की चर्चा भी है।
अभी यहां हो रहा है मूवमेंट
शावक अभी मां के साथ हैं लेकिन पहले से बड़े हो गए हैं। इनकी उम्र करीब डेढ़ साल बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग टीम से लेकर अन्य इंतजाम कर रखे हैं। वनों में बीच बीच में ट्रैप कैमरे भी लगा रखे हैं, जिसकी मॉनीटरिंग कंट्रोलरूम में की जा रही है।