पद्मावती का दीदार करने के लिए थे उत्सुक
चित्तौड़ की महरानी रानी पद्मावती की सुंदरता पर बड़े-बड़े राजा मरते थे। बेहद खूबसूरत रानी पद्मावती के पिता ने उनकी शादी के लिए स्वयंवर किया। इस स्वयंवर में आस-पास के सभी हिन्दू-राजपूत राजाओं को बुलाया गया था। इस स्वयंवर में एक छोटे से राज्य के राजा मलखान सिंह भी विवाह की इच्छा को लेकर शामिल हुए थे। साथ ही इस स्वयंवर में चित्तोड़ के राजा रावल रतन सिंह रानी नागमती के होते हुए भी शामिल हुए और उन्होंने मलखान सिंह को पराजित कर पद्मावती से विवाह भी कर लिया था क्योंकि राजा रावल रतन सिंह स्वयंवर के विजेता थे। वे स्वयंवर के बाद वे अपनी सुंदर रानी पद्मावती के साथ चित्तोड़ लौट आये थे लेकिन 13 वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत के आक्रमणकारीयो की ताकत धीरे-धीरे बढ़ रही थी। इसके चलते सुल्तान ने दोबारा मेवाड़ पर आक्रमण कर दिया था। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने सुंदर रानी पद्मावती को पाने के इरादे से चित्तोड़ पर भी आक्रमण कर दिया था। जब संगीतकार राधव चेतन ने अलाउद्दीन खिलजी को पद्मावती की सुंदरता के बारे में बताया तो वो मन ही मन उन्हें चाहने लगे थे और उनसे मिलने के लिए उत्सुक थे।
रंगीन मिजाज थे अलाउद्दीन खिलजी
रानी पद्मावती ने अलाउद्दीन को उनके प्रतिबिम्ब को आईने में देखने की मंजूरी दे दी थी। अलाउद्दीन ने भी निर्णय लिया की वे रानी पद्मावती को किसी भी हाल में हासिल कर ही लेंगे। अपने कैंप से वापिस आते समय अलाउद्दीन कुछ समय तक राजा रतन सिंह के साथ ही थे। बताया जाता है कि अलाउद्दीन रंगीन मिजाजी स्वभाव का था। अपने चाचा को मारकर दिल्ली का सुल्तान बनने वाले अलाउद्दीन के बारे में माना जाता है कि वह बाईसेक्सुअल था। मलिक काफूर से उसके बेहद नितांत और नजदीकी संबंध थे। मलिक कफूर को एक गुलाम बताया गया है। उसे गुजरात की जीत के बाद अलाउद्दीन ने 1000 दीनार देकर खरीदा था। कुछ किताबों में दावा है कि अलाउद्दीन के हरम में कई पुरुष थे। तारीख-ए-फिरोजशाही जैसी किताबों में कफूर के साथ अलाउद्दीन के संबंधों का जिक्र किया गया है। खिलजी को बिना दाढ़ी वाले पुरुष पसंद थे। कहा ये भी जाता है कि अलाउद्दीन कफूर की खूबसूरती का दीवाना था।
रची अलाउद्दीन के हत्या की साजिश
बाद में अलाउद्दीन एन कफूर को अपनी सेना में कमांडर बना दिया था। उसने कई हमलों में अलाउद्दीन की सेना का नेतृत्व किया था। उसने 1305 में मंगोलों को हराया था। सुल्तान के लिए दक्षिण भारत के सफल अभियानों का भी नेतृत्व किया था। कुछ किताबों में यह भी जिक्र है कि कफूर ने खिलजी के मौत की साजिश भी रची थी। हालांकि रानी पद्मावती ने चित्तौड़ की औरतों से कहा कि अब हमारे पास दो विकल्प हैं या तो हम जौहर कर लें या फिर विजयी सेना के समक्ष अपना निरादर सहें। अंत में रानी ने जौहर को अपना लिया।
क्या है ‘जौहर’
जौहर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शाही महिलाएं अपने दुश्मन के साथ रहने की बजाए स्वयं को एक विशाल अग्निकुंड में न्योछावर कर देती है। इस तरह रानी पद्मावती ने खुद का जौहर कर आत्महत्या कर ली थी जिसमें एक विशाल अग्निकुंड में चित्तोड़ की सभी महिलाएं खुशी से कूद गयी थीं। इस विनाशकारी विजय के बाद अलाउद्दीन की सेना केवल राख और जले हुए शरीर को देखने के लिये किले में आ सकी। आज भी चित्तोड़ की महिलाओं के जौहर करने की बात को लोग गर्व से याद करते है। जिन्होंने दुश्मनों के साथ रहने की बजाये स्वयं को आग में न्योछावर करने की ठानी थी। रानी पद्मावती के बलिदान को इतिहास में सुवर्ण अक्षरों से लिखा गया है।
————————————————
padmavati story, padmavati history, padmavati cast, padmavati release date, padmavati movie, padmavati movie story, padmavati movie cast, padmavati story in hindi