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भोपाल

10 दिन में तय होगा कि कहां तैयार होना है नया स्लॉटर हाउस

एनजीटी ने स्लॉटर काउस को जिंसी से आदमपुर छावनी शिफ्ट करने के लिए मार्च 2018 तक की डेडलाइन तय की है। इसी में नए स्लॉटर हाउस का निर्माण कराकर उसे चालू कराया जाना है। इसके साथ ही जिंसी वाले स्लॉटर हाउस को बंद कराया जाना है। 

भोपालJul 21, 2017 / 07:59 am

Sumeet Pandey

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भोपाल. स्लॉटर हाउस की शिफ्टिंग के संबंध में सभी महत्वपूर्ण निर्णय 10 दिन में कर लें। इसी समय में नए स्लॉटर हाउस के निर्माण संबंधी सभी प्रक्रियाएं भी तय कर लें। काम जल्द शुरू कराएं और तय समय सीमा में इसकी शिफ्टिंग सुनिश्चित करें। ये निर्देश गुरुवार को एनजीटी ने नगर निगम को दिए।
एनजीटी सेंट्रल जोनल बेंच में विनोद कुमार कोरी की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान नगर निगम की आेर से एफीडेविट सौंपा गया। इसमें बताया गया कि भोपाल में नया स्लॉटर हाउस आदमपुर छावनी में बनाया जाएगा। आदमपुर छावनी में लैंडफिल साइट और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए 62 एकड़ जमीन नगर निगम को आवंटित हो चुकी है। इसी में से पांच एकड़ जमीन स्लॉटर हाउस के लिए आवंटित की गई है। इसके निर्माण के संबंध में मेयर इन काउंसिल की बैठक में फैसले लिए जाना है। उसे परिषद से मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू कराया जाएगा। इसके बाद एनजीटी ने कहा कि निगम को जो भी करना है 10 दिन में कर ले। इसमें मेयर इन काउंसिल की बैठक में सभी तरह के फैसले और मंजूरियां ले लें और जल्द काम शुरू कराएं। एनजीटी ने मामले की अगली सुनवाई नौ अगस्त को तय की है।


मार्च 2018 की है डेडलाइन
एनजीटी ने स्लॉटर काउस को जिंसी से आदमपुर छावनी शिफ्ट करने के लिए मार्च 2018 तक की डेडलाइन तय की है। इसी में नए स्लॉटर हाउस का निर्माण कराकर उसे चालू कराया जाना है। इसके साथ ही जिंसी वाले स्लॉटर हाउस को बंद कराया जाना है। इसमें अब सिर्फ आठ महीने ही बचे हैं। जबकि, अभी तक जमीन आवंटन के अलावा और कोई काम नहीं हुआ है। निर्माण का काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है।


इंसीनरेटर कर्मचारियों को मिला पूरा मुआवजा
एनजीटी ने भोपाल इंसीनरेटर लिमिटेड को गैंगरीन और अन्य बीमारियों से पीडि़त चार कर्मचारियों को 85 हजार रुपए मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। इनमें से तीन कर्मचारियों को 25-25 हजार और एक को 10 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश था। लेकिन इंसीनरेटर प्रबंधन ने केवल एक कर्मचारी को 25 हजार रुपए ही दिए थे। एडवोकेट धर्मवीर शर्मा ने बताया कि गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान इंसीनरेटर प्रबंधन ने बाकी 60 हजार रुपए भी दे दिए हैं।


एचईजी ने दिया शपथपत्र
एनजीटी में कुलदीप सिंह परिहार की याचिका की सुनवाई के दौरान एचईजी मंडीदीप के प्रबंधन ने एफीडेविट सौंपा। इसमें बताया गया कि पर्यावरणीय नियमों के अनुसार फैक्ट्री में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी गई हैं। इसके साथ ही एनजीटी ने यह मामला डिस्पोज ऑफ कर दिया। पीसीबी को एचईजी की मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।

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