scriptवर्चस्व की लड़ाई भोपाल से दिल्ली तक पहुंची : देर रात तक CM हाउस में चला दिग्गजों का मंथन | supremacy battle reach Bhopal to Delhi veterans churning at CM house | Patrika News
भोपाल

वर्चस्व की लड़ाई भोपाल से दिल्ली तक पहुंची : देर रात तक CM हाउस में चला दिग्गजों का मंथन

सागर में वर्चस्व की लड़ाई भोपाल से दिल्ली तक पहुंची, सीएम हाउस पर दिग्गजों के मंथन में तय हुआ कि, समन्वय से जरूरी विवाद सुलझाएंगे।

भोपालMay 25, 2023 / 11:59 am

Faiz

News

वर्चस्व की लड़ाई भोपाल से दिल्ली तक पहुंची : देर रात तक CM हाउस में चला दिग्गजों का मंथन

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों के बीच सागर में तीन मंत्रियों और स्थानीय राजनीति में वर्चस्व की जंग का सियासी बवंडर थामने में बुधवार की सुबह से रात हो गई। सुबह पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा सीएम शिवराज सिंह से मिलने पहुंचे। सीएम की समझाइश के बाद नाराज नेताओं ने टकराव से इनकार किया। फिर सियासी गर्मी दिल्ली तक पहुंची, तो रात को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर स्पेशल विमान से पहुंचे। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, वीडी और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी सीएम हाउस पहुंचे।

यहां सीएम ने पहले अलग-अलग, फिर साथ में मंथन किया। तय हुआ कि, समन्वय बेहद जरूरी है। सबको समझाकर झगड़ा सुलझाया जाए। ऐसा असंतोष हो तो शांत करें। आज संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी सीएम शिवराज से मिलेंगे।

-कोई विवाद नहीं : मंत्री गोविंद सिंह राजपूत

इस संबंध में जब परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि, सीएम से रूटीन मुलाकात थी। सीएम जनसेवा अभियान के बारे में बात की थी। उसी समय सागर जिले के अन्य नेताओं का भी मुलाकात का समय था, इस कारण सब एक जगह हो गए। कोई विवाद ही नहीं है।


-भ्रम फैलाया जा रहा : मंत्री गोपाल भार्गव

वहीं, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है कि, मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से प्रशासनिक, संगठनात्मक विषयों में चर्चा की है। भ्रम फैलाया जा रहा है। कोई मतभेद विवाद नहीं है।


-चुनाव और क्षेत्र के विकास पर मुलाकात : विधायक शैलेंद्र जैन

इसी के साथ सागर नगर विधायक शैलेंद्र जैन ने बताया कि, मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष हमारे मुखिया हैं। चुनाव और क्षेत्र के विकास को लेकर मुलाकात की थी।

 

यह भी पढ़ें- बुंदेलखंड से भाजपा की चुनावी हुंकार, पिछली बार इन सीटों पर किया था कब्जा


यह हुआ मंथन

सीएम हाउस पर चर्चा के बाद वरिष्ठ नेताओं के स्तर पर गाइडलाइन दी गई कि, स्थानीय प्रशासन किसी भी सांसद-विधायक को नजरअंदाज न करे। विवादों को सुलझाएं। आगे भी बैठक होगी। सीएम ने भी पहले यही कहा था कि, मिल-बैठकर मामला सुलझा लेते हैं, लेकिन इस पर नाराज नेता सहमत नहीं हुए थे। इससे पहले सुबह वीडी सीएम से मिलने पहुंचे थे। इसके बाद सीएम ने संबंधितों को समझाइश दी तो लामबंद नेताओं के तीखे तेवर कुछ नरम हुए। मंत्री गोपाल भार्गव ने वीडियो जारी कर सबकुछ ठीक होने का दावा किया। हालांकि, विवाद अभी थमा नहीं है। स्थानीय राजनीति में पहली बार गोपाल भार्गव, गोविंद राजपूत एक साथ हुए हैं। वहीं, स्थानीय विधायक भी खुलकर इनके साथ हुए हैं।

 

यह भी पढ़ें- अंतरिक्ष में लॉन्च होगा ‘महाकाल’ नाम का सैटेलाइट, खुद ISRO चीफ ने किया वादा


विवाद की जड़ों की गहराई ऐसे समझें…

-मंत्री गोपाल भार्गव

आरोप है कि, मंत्री भूपेंद्र सिंह उनके विरोधियों को संरक्षण देते हैं। भार्गव के समर्थकों को भी भूपेंद्र टरगेट पर लेकर पुलिस-प्रशासन से परेशान कराने लगते हैं। भार्गव के रहली विधानसभा क्षेत्र में ओबीसी महागठबंधन के रूप में भूपेंद्र दखल रखते हैं। ओबीसी मोर्चा से रहली के कई कांग्रेस नेता जुड़े हैं। इनमें जीवन पटेल, कमलेश साहू, ज्योति पटेल समेत अन्य शामिल हैं।


-विधायक प्रदीप लारिया

सागर के उपनगरीय क्षेत्र मकरोनिया के विधायक हैं प्रदीप लारिया। मकरोनिया में भूपेंद्र का निवास और होटल है। भूपेंद्र का गांव बामोरा अभी भी ग्राम पंचायत है, जबकि चारों ओर नगर पालिका की सीमा है। आरोप है कि, भूपेंद्र नपा को भी अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं।


-विधायक शैलेंद्र जैन

आरोप है कि महापौर संगीता तिवारी के पति ने मंत्री भूपेंद्र की शह पर पार्षदों को नगर विधायक शैलेंद्र के खिलाफ लामबंद करना शुरू कर दिया है। सुशील तिवारी ने शैलेंद्र को कार्यक्रमों में बुलाना बंद कर दिया है। मंत्री समर्थकों ने शहर में ये बात फैला दी कि, शैलेंद्र को टिकट नहीं दिया जाएगा। ऐसे में शैलेंद्र बगावत पर उतर आए हैं।


-मंत्री गोविंद सिंह

इनके भाजपा में शामिल होने और मंत्री बनने से भूपेंद्र के साथ शीत युद्ध शुरू हो गया था। लड़ाई तब सामने आई जब भूपेंद्र, सांसद राजबहादुर सिंह के रिश्तेदार राजकुमार धनौरा ने मंत्री गोविंद पर बाहरी प्रत्याशी का आरोप लगाकर विरोध किया। इसके बाद धनौरा को पार्टी से निकाल दिया गया। हाल ही में एक कार्यक्रम में धनौरा ने गोविंद सिंह के खिलाफ खुलकर भाषण दिया।


तीन प्रमुख वजह

स्थानीय राजनीति में प्रशासन-पुलिस आदि का गोपाल, गोविंद सहित अन्य की नहीं सुनना। सीधेतौर पर भूपेंद्र की सुनना।

चुनाव नजदीक होने से चुनावी गणित में टकराव। स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन सहित सभी के स्थानीय समीकरण में मतभेद होना।

गोविंद-भूपेंद्र का सुरखी सीट पर पूर्व के चुनावों में प्रतिद्वंद्वी रहना।गोपाल भार्गव को स्थानीयतौर पर साइडलाइन रखना। विकास कामों में भेदभाव।


असंतोष के सुर

पूरे सूबे में कई जगह असंतोष के सुर भाजपा में उठ रहे हैं। इन्हें भी साधने की रणनीति तय हुई। ग्वालियर-चंबल और मालवा अंचल में सिंधिया खेमे और भाजपा के मूल कैडर में मतभेद हैं। विंध्य और बुंदेलखंड में भी भाजपा मूल कैडर के नेता टिकट की आशंका में अंतर्विरोध जताने लगे हैं। सभी जगह के फीडबैक लेकर आगे काम होगा। उधर, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश गुरुवार को दिल्ली से भोपाल आ रहे हैं। हालांकि, मंत्री गोपाल भार्गव समेत अन्य विधायक और नेता सागर लौट गए हैं।

//?feature=oembed

Hindi News / Bhopal / वर्चस्व की लड़ाई भोपाल से दिल्ली तक पहुंची : देर रात तक CM हाउस में चला दिग्गजों का मंथन

ट्रेंडिंग वीडियो