दरअसल, यहां के कुलगुरु द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अगर छात्रों को यूनिवर्सिटी में दुर्गा उत्सव मनाना है तो उन्हें पहले अपनी बकाया फीस को जमा कराना होगा। इस आदेश से छात्रों में आक्रोश है और छात्र संगठन इसका विरोध भीं कर रहा है।
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आदेश में कहा गया है कि छात्रों को यह फीस 2-6 अक्टूबर के बीच ही जमा करानी होगी नहीं तो दुर्गा उत्सव मनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और जो भी छात्र टाइम पर फीस जमा नहीं करेगा तो उसका एडमिशन भी अवैध माना जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि छात्रों को कुलगुरु से एकबार में सिर्फ 2 लोग ही मिल सकते है बाकि अन्य छात्रों को बाग़ सेवनिया पुलिस स्टेशन से अनुमति लेनी होगी। इस आदेश से छात्र संघठन गुस्से में है और आदेश का कड़ा विरोध भी कर रहे है। आपको बता दें कि, कुछ दिन पहले भी यहां ‘शहीद ऐ आज़म’ भगत सिंह की जयंती को लेकर भी विवाद हुआ था।
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बता दें कि, 24 सितंबर को भी यहां एक आदेश को लेकर भी विवाद हुआ था। यह विवाद स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह की जयंती को लेकर जारी एक आदेश पर हुआ था। दरअसल, 28 सितंबर को भगत सिंह की जयंती मनाई जाती है। इसी को छात्र लेकर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम करना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। कुलगुरु ने आदेश जारी कर कहा था कि भगत सिंह की जयंती को ऑडिटोरियम में मनाना सही नहीं है। छात्रों को अनुमति न मिलने के कारण आक्रोशित हो गए थे और कुलगुरु पर भगत सिंह के विरोधी होने का आरोप लगाया था। आक्रोशित छात्रों ने कुलगुरु के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया और शहीद भगत सिंह की प्रतिमा रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। उनका यह आंदोलन दोपहर 2 बजे तक जारी रहा था।