पढ़ें ये खास खबर- अनलॉक की तैयारी : ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन बांटा जाएगा शहर, ग्रामीण इलाकों में किल कोरोना-4 अभियान शुरु
शिवराज ने दिये सख्ती के संकेत
बैठक के दौरान मुख्यंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, कोरोना के खिलाफ हम लंबे समय से युद्ध में हैं। लेकिन, इसे अनंतकाल तक जारी नहीं रखना। इसलिये 1 जून से पहले बचे शेष दिनों में प्रदेश के अधिक संक्रमित जिलों में सख्ती कर पॉजिटिविटी रेट को जीरो तक लाया जा सकता है।
ये रहेगी व्यवस्था
बता दें कि, इन दस दिनों के भीतर मध्य प्रदेश के शहरों को वार्डों के अनुसार रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांटा जाएगा, ताकि पता लग सके कि, किस इलाके में कितने संक्रमित शेष हैं। जहां ज्यादा संक्रमित हैं उसे रेड जोन, जहां 2-4 केस हैं, उसे ऑरेंज और जहां एक भी संक्रमित नहीं है, उसे ग्रीन जोन में रखा जाएगा। इसके बाद टेस्टिंग और ट्रेसिंग के तहत संक्रमण पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जाएगा। साथ ही, माइक्रो कंटेनमेंट एरिया बनाकर मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी अफसरों और जनप्रतिनिधियों को होगी। क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप इस पर निगरानी रखेगा। समय पर इलाज मिलने से कोरोना से मुक्ति मिलेगी।
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1 जून से पहले नहीं मिलेगी ढील
कोरोना कर्फ्यू को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार देर शाम अपने निवास पर अहम बैठक ली। बैठक में डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डाॅ. राजेश राजौरा और सीएम सचिवालय के अफसर मौजूद रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान अफसरों ने मुख्यमंत्री को सोमवार से कर्फ्यू में कुछ राहत देने के सुझाव दिए थे, लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि, मौजूदा समय में हम करोना की जंग जीतने की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में फिलहाल छूट देना उचित फैसला नहीं।
25 मई से शुरु होगा किल-कोरोना अभियान पार्ट-4
किल-कोरोना अभियान जारी रखा जाए। 24 मई को तीसरा अभियान पूरा होने जा रहा है। इसके बाद 25 मई से अभियान को चौथा चरण शुरु किया जाएगा। अभियान के तहत सर्दी, खांसी, जुकाम से प्रभावित व्यक्ति की पहचान कर उसे तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी।
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कोविड केयर सेंटर रहेंगे सुचारू
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में कुल 320 कोविड केयर सेंटर चल रहे हैं। कोरोना की समीक्षा बैठक में तय किया गया है कि कोविड की तीसरी लहर की संभावना को ध्यान में रखकर हर जिले में कोविड केयर सेंटरों को चालू रखा जाएगा।
टेस्टिंग बंद नहीं होगी
सीएम ने ये भी कहा कि, जहां कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस हो, वहां टेस्टिंग जारी रखी जाएगी। इसके लिए सघन गतिविधियां संचालित रहेंगी। कुछ जिलों में मोबाइल टेस्टिंग व्यवस्था भी की गई है। इसका अनुसरण अन्य जिलों में भ किया जा सकता है।
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ऑक्सीजन की खपत को लेकर राहत
मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की खपत को लेकर भी राहत की बात सामने आई है। कोरोना के मरीजों में आ रही कमी के मद्देनजर ऑक्सीजन की डिमांड भी तेजी से घटने लगी है। 10 मई को 584 ऑक्सीजन प्रदेश के अस्पतालों में सप्लाई की गई थी, जबकि इस दिन 526 टन ऑक्सीजन की खपत हुई थी। वहीं, 21 मी को 476 सप्लाई की गई थी, जबकि 434 टन खपत हुई थी। इस हिसाब से गौर करें तो इन दस दिनों के भीतर करीब 1 टन ऑक्सीजन की खपत कम हुई है। मौजूदा समय में ऑक्सीजन बोकारो और जामनगर से आ रही है।
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