वन मंत्री रामनिवास रावत की करारी हार के बाद एमपी की मोहन यादव सरकार में फेरबदल हो सकता है। रामनिवास रावत द्वारा मंत्री पद से त्यागपत्र दे देने के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। सबसे ज्यादा कयास इस बात के लगाए जा रहे हैं कि प्रस्तावित बदलाव में वन विभाग किस मंत्री के हिस्से में आएगा।
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में फेरबदल कभी भी हो सकता है, यह विस्तार के रूप में भी सामने आ सकता है। दरअसल कमलनाथ का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होकर अमरवाड़ा में कमल खिलानेवाले विधायक कमलेश शाह कई महीनों से अपना रुतबा और बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। संगठन और सीएम मोहन यादव दोनों के ही करीबी 2 और नेता भी मंत्री पद की आस में हैं।
यह भी पढ़ें: एमपी में चौड़ी होगी तीन जिलों को जोड़नेवाली सड़क, 4 लेन को मिली मंजूरी मंत्रिमंडल विस्तार की बात कहनेवाले राजनैतिक विश्लेषक इसकी वजह भी बताते हैं। विश्लेषकों के मुताबिक रामनिवास रावत के पास दो अहम विभाग- वन और पर्यावरण विभाग थे। दोनों बड़े विभाग किसी मौजूदा मंत्री को दिए जाने पर अन्य वरिष्ठ मंत्री मायूस हो सकते हैं, उनके लिए यह भेदभाव की स्थिति बन सकती है।
जुलाई 2024 में जब रामनिवास रावत को मंत्री बनाया गया था तब वन और पर्यावरण विभाग नागर सिंह चौहान के पास थे। उनसे दोनों विभाग छीनकर रावत को दिए गए थे जिसपर चौहान ने बागी तेवर भी अपना लिए थे। अब वे दोबारा दोनों विभागों पर दावा ठोंक सकते हैं हालांकि उनके तल्ख बयान और पार्टी विरोधी रुख आलाकमान भूल गया हो, ऐसा लगता नहीं है। ऐसे में कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को ये विभाग बांटे जाने की चर्चा है।