उनके तीन बेटों में अरुण सबसे छोटा है। बड़ा बेटा इंदौर में रहता है और मंझले बेटे की एक साल पहले मौत हो गई थी। पति की मौत के बाद मिलने वाली पेंशन से मां इस बेटे का भी भरण-पोषण कर रही थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि ललिता देवी बीमार थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत भूख के कारण होना बताई गई है। पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के आधार पर मृतक ललिता देवी के बेटे अरुण दुबे के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है।
गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज
निशातपुरा पुलिस ने बताया कि 80 वर्षीय ललिता दुबे गोया कॉलोनी करोंद स्थित अपने मकान में छोटे बेटे अरुण के साथ रहती थीं। 18 अऌटूबर को बेटा अरुण दुबे पत्नी के साथ ढाई साल के बेटे की मन्नत पूरी करने उज्जैन चला गया। 19 अक्टूबर को अरुण की भाभी ने सुबह 9.30 बजे पड़ोसी को फोन कर कहा कि अरुण का फोन नहीं लग रहा है, घर की तरफ देख लो।
ताला लगा था चाबी लटकी थी
पड़ोसी घर पर पहुंचे तो बाहर के गेट पर कुंडी लगी थी। अंदर पहुंचे तो दरवाजे पर ताला लगा था और चाबी लटकी थी। दो दिन तक भूखी-प्यासी रहने के कारण वृद्धा की मौत हो चुकी थी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घर का ताला खोलकर ललिता देवी का शव बरामद किया। घटना की सूचना पर इंदौर में सब इंस्पेक्टर बड़ा बेटा अजय घर पहुंचे।