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दावा : धूम्रपान करने वालों पर कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा, जानिए क्यों?

कोरोना पर लगातार शोध किये जा रहे हैं, ताकि संक्रमण का स्पष्ट इलाज किया जा सके। इसी बीच हुए शोध में धूम्रपान करने वालों के लिए कोरोना से संबंधित चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।

भोपालMay 01, 2020 / 02:40 pm

Faiz

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दावा : धूम्रपान करने वालों पर कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा, जानिए क्यों?

भोपाल/ मध्य प्रदेश समेत देशभर में कोरोना वायरस का असर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। एक तरफ जहां देश में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 25007 हो गई हैं। वहीं, ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2625 हो गया है। जबकि, प्रदेश में अब तक 137 लोग अपनी जान गवा चुके हैं। तेजी से बिगड़ रहे हालात और लगातार नज़दीक आ रहे संक्रमण के कारण लोगों में डर की भावना बढ़ने लगी है। हालांकि, देश-प्रदेश समेत दुनियाभर में कोरोना पर कई शोध किये जा रहे हैं। ताकि, संक्रमण से रोकथाम और मरीजों स्पष्ट इलाज किया जा सके। इसी बीच हुए शोध में धूम्रपान करने वालों के लिए कोरोना से संबंधित चौकाने वाले नतीजे सामने आए हैं।

 

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अध्यन के बाद किया गया आगाह

भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिकों द्वारा किये गए अध्ययन में सामने आया कि, धूम्रपान करने वाले लोग कोरोना वायरस संक्रमण की कगार पर हो सकते हैं। तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने की कोरोना वायरस की प्रकृति पर किये गए शोध के आधार पर ये दावा किया गया है। अध्यन के जरिये उन लोगों को आगाह किया गया है, जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके सूंघने की क्षमता कम होने लगी है। साथ ही, कुछ खाते वक्त स्वाद आना भी कम हो गया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि, जिन लोगों में ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत ही खुद को क्वारंटाइन करें और विशेषज्ञों से सलाह लें।

 

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यहां से मिला दावे को बल

रिसर्च के इस दावे को अमेरिकन केमिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय जर्नल से भी बल मिलता है, जिसमें बताया गया था कि, ‘कोविड-19 महामारी की न्यूरोलॉजिकल अंतर्दृष्टि’ शीर्षक वाले अध्ययन के मुताबिक, संक्रमित लोगों की सूंघने और स्वाद पाने की क्षमता कम होना उन्हें उनके पूरी तंत्रिका तंत्र को और उनके दिमाग की अंदरूनी संरचना को विनाशकारी प्रभाव के साथ वायरस के संक्रमण के लिए आसान निशाना बनाता है।

 

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होना चाहिए रोगियों के दिमाग की जांच- सुझाव

अध्ययन दल का नेतृत्व करने वाले सुरजीत घोष ने कहा कि, कोविड-19 रोगियों का न्यूरोलॉजिकल संक्रमण की जद में आना धूम्रपान जैसी चीजों से बढ़ सकता है। एक प्रायोगिक अध्ययन के मुताबिक, धूम्रपान मानव ग्राही और निकोटिनिक ग्राही के बीच संपर्क के चलते कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकता है। अध्ययन दल ने कोविड-19 संक्रमित रोगियों के मस्तिष्क की जांच करने और उसका विश्लेषण करने का सुझाव दिया है। साथ ही कहा गया कि, जब कोविड-19 रोगियों के दिमाग की जांच होती है, तब उम्रदराज व्यक्ति और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति पर धूम्रपान के पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण करने से संक्रमितों पर धूम्रपान के अतिरिक्त खतरे को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है।

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