रिडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट- एरिया बेस्ड डवलपमेंट के तहत टीटी नगर की 333 एकड़ जमीन को स्मार्ट हब बनाना बाकी है। हाउसिंग प्रोजेक्ट भी प्लान में शामिल हैं।
स्मार्ट रोड- पॉलीटेक्निक चौराहे से डिपो चौराहे तक स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट लोगों की शिफ्टिंग नहीं होने से अटका है।
स्मार्ट पोल्स- शहर में एरिक्सन कंपनी 800 में से महज 100 स्मार्ट पोल ही लगा सकी है। जितने लगे हैं वो भी पूरी तरह ऑपरेटेड नहीं है।
हैरीटेज कन्जर्वेंशन- पुरानी इमारतों को दर्शनीय बनाने के लिए सदर मंजिल प्रोजेक्ट पर तीन साल से काम जारी है। पहला फेज पूरा होने का दावा किया गया है, लेकिन इमारत का ज्यादातर भाग पिछली बारिश के बाद गिरने लगा है।
बुलेवार्ड स्ट्रीट- ये रोड प्लेटिनम प्लाजा से जवाहर चौक तक बननी है। बुलेवार्ड स्ट्रीट नाम से संचालित इस प्रोजेक्ट में अंडरग्राउंड वायरिंग, सर्विस डक्ट, अंडरपास जैसी सुविधाएं देने का दावा है।
अर्बन टेक्टिकल प्लेस मेकिंग- बोर्ड ऑफिस से ज्योति टॉकीज मार्ग के बीच इंटरसिटी बस टर्मिनल बनना है। यहां लोगों के लिए आधुनिक बस अड्डे जैसी सुविधाएं जुटाई जाएंगी।
ग्रीन-ब्लू मास्टर प्लान- हरियाली सहेजने ग्रीन और जल स्रोतों को संरक्षित करने ग्रीन और ब्लू मास्टर प्लान बनाने का काम जारी है।
आर्च ब्रिज- छोटे तालाब पर कमलापति पार्क से गिन्नौरी को जोडऩे वाले प्रदेश के पहले आर्च ब्रिज का काम अभी खत्म नहीं हुआ है। लगातार पिछड़ रहा है।
पीसी शर्मा, जनसंपर्क मंत्री एवं स्थानीय विधायक
क्यूब के टेंडर में एडवांस पेमेंट की शर्त है, इसलिए 15 करोड़ रुपए जारी किए। किसका चेक बाउंस हुआ, मुझे नहीं पता। रामजी अवस्थी को रोकना जरूरी है, क्योंकि मैं चुनाव ड्यूटी पर जा रहा हूं। हम सभी प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा कर रहे हैं।
संजय कुमार, सीईओ, स्मार्ट सिटी कंपनी