अब एडमिट ही नहीं करूंगी बच्चे को
जिस समय आग लगी बच्चा मेरी गोद में था। आग लगने की बात सुनकर सब भागे। नीचे उतरने के रपटे से मैं भी बच्चे को लेकर दौड़ी। मैं बच्चे को बाहर ले आई तबसे यह मेरी ही गोद में है। अब इसे कहीं भर्ती नहीं करुंगी। यह कहानी कार्डिएक वार्ड के शेड में बैठी ममता बाई ने बताई। 10 दिनों के बच्चे की नाक में फ्लूड पाइप लगी थी, वह मां का दूध नहीं पी सकता , लेकिन मां की ममता है कि वह बच्चे को छोडऩा ही नहीं चाहती।
आपको बतादें कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में स्थित कमला नेहरू गैस राहत पीडियाट्रिक वार्ड में सोमवार देर रात आग लगने के कारण बड़ा हादसा हो गया, इस कारण कई बच्चों की मौत हो चुकी है। ऐसे में कुछ बच्चों के परिजन तब राहत महसूस कर रहे हैं। जब किसी कारणवश उनका बच्चा जिंदा रह गया या उनके बच्चे के जिंदा होने की खबर माता पिता को लग रही है।