सरकार ने यह योजना शुरू की हुई है, इसमें सामान्य जातियों के बच्चों के लिए 85 फीसदी से अधिक नंबर आने पर पात्रता है, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों के लिए यह नंबरों की पात्रता घटकर 75 फीसदी रह जाती है। हालांकि सरकार की किरकिरी होने के बाद इन नियमों में संशोधन कर दिया गया है। अब सभी बच्चों के लिए 75 फीसदी की ही पात्रता घोषित कर दी गई है।
सरकार ने उन सभी जातियों के बच्चों को लैपटॉप देने का निर्णय लिया है, जिन्होंने 12वीं की कक्षा में 75 फीसदी या उससे अधिक नंबर हासिल किए हैं। विभाग का दावा है कि करीब 67 हजार ऐसे बच्चों का चयन किया गया है, जिन्हें अब लैपटॉप दिया जाएगा। ऐसे में सरकार ने भी इसका चुनावी फायदा उठाने की तैयारी शुरू कर ली है। अब संभाग स्तर पर आयोजन कर लैपटॉप की राशि का वितरण किया जाएगा। सरकार इस बहाने चुनावी फायदा लेना चाह रही है। वह बताना चाह रही है कि वह सभी जातियों को बराबर का भाव रखती है।
मुख्यमंत्री के चुनाव प्रबंधन की टीम ने भी इसे बेहतर बताया है। यही वजह है कि अब हर संभाग मुख्यालय पर कार्यक्रम करने के बारे में निर्णय किया गया है। सरकार इन बच्चों को करीब 167 करोड़ रुपए बतौर लैपटॉप बांट रही है। ऐसे में सीधी कोशिश यह है कि इन 67 हजार घरों तक सीधे पहुंच बनाई जाए और इसका फायदा आने वाले महीनों में होने वाले चुनाव में लिया जाए।