वरुण की हत्या के बाद शिवराज सिंह ने दुख जताते हुए कमल नाथ सरकार पर निशाना साधा था। शिवराज सिंह ने कहा था- हे राम! एक और बेटा शासन-प्रशासन की नाकामी की वजह से काल-कवलित हो गया। यह क्या हो रहा है कमलनाथ जी? आप अपने प्रदेश के बच्चों को ही सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं! आए दिन एक न एक झकझोर देने वाली खबर आ रही है! क्या यही है वक्त बदलाव का? कांग्रेस का हाथ अपराधियों के साथ है,यह तो तय है!
शिवराज सिंह चौहान न कहा- कमलनाथ जी, उस मां के बारे में ज़रा सोचिए जिसने अपने कलेजे का टुकड़ा आपकी नाकामी की वजह से खो दिया। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल है। अपराधियों के मन में अब खौफ या डर बिलकुल नहीं है। पिछले 6 माह में बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से इज़ाफा हुआ है। मैंने सोचा भी नहीं था कि मेरे प्रदेश की हालत इतनी बुरी हो जाएगी! दिवंगत बेटे को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दे। दुःख की घड़ी में मैं परिजनों के साथ खड़ा हूं। कमलनाथ सरकार को नींद से जगाने हेतु समाज के साथ सड़कों पर उतरूंगा और वरुण को न्याय दिलाकर रहूंगा।
कानून व्यवस्था दुरुस्त हो
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का कहना है कि दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा! गुंडे-बदमाश अपराध करें और सरकार अपराध होता हुआ देखती रहे,फिर दोषियों को सज़ा देने की बात कहे,यह बेहद शर्मनाक और गैरज़िम्मेदाराना रवैया है। कानून व्यवस्था इतनी दुरुस्त होना चाहिए कि कोई ऐसा कृत्य करने का सोचे भी न। मन दु:खी है और आक्रोशित भी। प्रदेश अपहरण के मामले में नंबर एक बन गया है। अब इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि पुलिसकर्मी गुहार लगाये कि उनकी नाबालिग बेटी नहीं मिल रही है। कब तक मासूम बच्चे ऐसे बलि चढ़ते रहेंगे और सरकार तबादलों में व्यस्त रहेगी?
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं। सरकार चेते, लेकिन कमलनाथ जी से पूछना चाहता हूं कि कब तक देखते रहोगे?हाथ पर हाथ धरकर कब तक बैठे रहोगे? अन्याय की अति हो गई। अपराधों की पराकाष्ठा हो गई। आखिर कब इस तरह की घटनाएं रूकेंगी ?