जानकारी के अनुसार पंचायतों को परिसीमन चुनाव से पहले करने का प्रावधान है। इसलिए ऐसी पंचायतें जहां परिसीमन हो गया है, लेकिन उसके प्रकाशन से एक साल के अंदर चुनाव नहीं हुए हैं, तो उक्त परिसीमन को निरस्त माना जाएगा। इस कारण अब ऐसी व्यवस्था लागू हो जाएगी, जो परिसीमन के पहले थी। इसी के साथ आरक्षण भी वैसा ही रहेगा, जैसा पहले था।
1200 पंचायते बनाई थी नई
कमलनाथ सरकार ने 2019 में जिले से लेकर ग्राम पंचायतों तक नया परिसीमन कर करीब 1200 नई पंचायतें बनाई थी, वहीं दूसरी और 102 ग्राम पंचायतों को खत्म किया था, मध्यप्रदेश में करीब 23 हजार 835 ग्राम पंचायतें हैं। 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रि-स्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं। साल 2014-15 में हुए पंचायत चुनाव का 2020 तक कार्यकाल रहा।