जिला खनिज अधिकारी मान सिंह बघेल इसे टेंडर की शर्तों में होना बता रहे हैं। इससे साफ होता है कि, रेत रॉयल्टी की चाबी ठेकेदार के हाथों में है। वहीं, सीहोर के जिला खनिज अधिकारी इस मामले में स्पष्ट नहीं हैं।
जिस समय होशंगाबाद, रायसेन के घाट खुले हुए थे तब सीहोर की रेत तीसरी च्वाइस होती थी। यहां की रेत में थोड़ा कालापन होता है, इस कारण इसे लोग कम ही पसंद करते थे। रेट भी इसके कम होते थे, लेकिन अब तो यही रेत सोने के भाव बिक रही है। 650 घन फीटरेत के डंपर की रॉयल्टी 9500 की जगह, 14 से 16 हजार कर दी। सीहोर की रेत का जो डंपर 23 से 24 हजार के बीच पड़ता था, वो आज 28 तक पहुंच गया है। होशंगाबाद से रेत की सप्लाई बंद होने से मजबूरी में लोगों को सीहोर की रेत लेनी पड़ रही है। ये रेत होशंगाबाद की रेत से क्वालिटी में भी काफी खराब है।
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सीहोर पर निर्भर, पांच- छह जिले, रेत का कोई रेट नहीं
सीहोर के सलकनपुर और जनमाता की रेत खदानों पर ही भोपाल, इंदौर और आस-पास के जिलों की जरूरत टिकी हैं। सलकनपुर में पहले 650 घनफीट रेत के डंपर की रॉयल्टी 9 हजार 500 रुपए की पड़ती थी। जो अब 14 से 16 हजार कर दी गई है। रेत का कोई रेट नहीं रहा, जिसकी जितनी मर्जी आ रही है रेट ले रहा है। सीहोर के जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र सिंह परमार ने कहा कि, इस रॉयल्टी के विषय में खनिज निगम से ही जानकारी मिल सकती है।
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