जयपुर से आए धर्मेश ने अपनी चार साल की बेटी के साथ मैराथन में हिस्सा लिया था। स्ट्रॉलर पर बैठी आरना ने 21 किमी की दौड़ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदेश के साथ पूरी की। धर्मेश बताते हैं कि हम फरवरी से आरना को साथ लेकर मैराथन में पार्टिसिपेट कर रहे हैं और ये इसकी तीसरी मैराथन है। मुझे अपनी बेटी पर गर्व है और मैं इसे मैराथन में साथ लेकर यही संदेश देना चाहता हूं कि बेटियां बोझ नहीं होती, बल्कि मुश्किल राहों पर हमेशा आपके साथ होती हैं।
रन भोपाल रन की पहली मैराथन ६ दिसम्बर २०१५ को हुई थी। इस दौरान ११, ५ और २ किमी की दूरी तय करनी थी इसमें ९ हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। दूसरी मैराथन ४ दिसम्बर २०१६ को हुई, यह २१, ११ और ५ किमी की थी, इसके लिए १२ हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया कराया था। इस बार १४ हजार पेड रजिस्ट्रेशन और करीब ८ हजार सरकारी विभागों या विभिन्न पैरा मिलिट्री फोर्सेज के लोग शामिल हुए।