शिवमहापुराण समारोह को लेकर ट्रैफिक पुलिस द्वारा पहले ही पार्किंग व्यवस्था और रूट डायवर्ट किया गया था। भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए 1200 से अधिक पुलिस के जवान दिन-रात अपनी सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन ने भी एक दर्जन से अधिक विभागों के आला अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
आज से पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा और रुद्राक्ष महोत्सव का सात दिवसीय आयोजन शुरू हो गया। जिसके लिए सुबह से रुद्राक्ष तैयार करने का सिलसिला जारी है। दोपहर में 1 बजे से शाम 4 बजे तक कथा और रात्रि में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस बार रुद्राक्ष महोत्सव में एक करोड़ से अधिक रुद्राक्षों को अभिमंत्रित किया जाएगा।
पंडित मिश्रा ने बताया कि सनातन धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है। रुद्राक्ष भगवान शिव का ही एक स्वरूप है। हम इसे चाहे औषधि में लें या पानी में चढ़ाकर आचमन करें या गले में पहन लें या हमारे पूजा स्थल पर रखकर पूजा कर लें, यह फल हमें ईश्वर के होने का महत्व बताता है। इसके धारण करने या पूजा करने से कोई हानि नहीं है, बल्कि भक्ति का मार्ग ही प्रशस्त होता है।