रोबोटिक सर्जरी बहुत महंगी पड़ती है। इसकी कीमत डेढ़ लाख से दस लाख तक हो सकती है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग ये सुविधा नहीं उठा पाते, लेकिन सरकारी अस्पताल में यह सुविधा मिलने से यह ज्यादातर लोगों की पहुंच में आ जाएगी।
यह एक कंप्यूटराइज्ड डिवाइस है, जो डॉक्टर के सहायक के रूप में काम करती है। मशीन में मरीज का अलग-अलग एंगल से किए गए सीटी स्कैन समेत व जांच को फीड किया जाता है। इसमें लगे कैमरे व सेंसर हर हलचल को रिकॉर्ड करते हैं, साथ ही सर्जरी की जानकारी मशीन से जुड़ी स्क्रीन पर दिखाते हैं।
शरीर में जहां पहुंचना मुश्किल, रोबोट उन जगहों पर आसानी से पहुंचाता है
सर्जरी में कट बेहद कम लगाना पड़ता है जिससे रिकवरी तेजी और ब्लड लॉस कम होता है।
रोबोट से 99 फीसदी एक्युरेसी से हड्डी काटी जाती है। हाथों की तुलना में स्पीड भी ज्यादा होती है।
ऑपरेशन फेल होने की गुंजाइश भी न के बराबर होती है।
प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल जहां ऐसी सर्जरी होगी।
सफलता दर 95 प्रतिशत।