विशेष पिछड़ी जाति वाले 1295 गांवों में 1284.29 किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल बिछेगा। इस पर 1050 करोड़ रुपए खर्च होंगे। काम पांच चरणों में पूरा होगा। पहले चरण के तहत जून 2025 में 25 फीसदी सड़कों का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। विकास के नए आयाम तय करने वाली सड़कें इन गांवों में खुशहाली ले आएंगी।
24 जिलों में 5 चरणों में पूरा होगा काम
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन अभियान) के तहत प्रदेश के 24 जिलों में तीन विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) बसाहटों में अधोसंरचनात्मक कामों पर ज्यादा जोर है। ऐसे गांवों को प्रधानमंत्री सड़क से और टोले-मजरे को गांव की प्रधानमंत्री सड़क से जोड़ा जाना है। चिह्नित गांवों और टोले-मजरे में 1035 सड़कें मंजूर की गई हैं। विशेष पिछड़ी जाति वाले गांवों में 1050 करोड़ से 1284 किमी लंबी सड़कों का निर्माण कार्य 5 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला चरण जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। वहीं योजना के तहत 5 चरणों की सड़कों का निर्माण कार्य भी 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
बता दें कि पीएम जन-मन अभियान के तहत गांव-गांव पहुंचे सड़कें प्रदेश के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधीन निर्माण एजेंसी एमपी ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा बनाई जाएंगी।
ऐसे होगा चरणवार काम
पहले चरण में – 235 करोड़ से 295 किमी लंबी 125 सड़कें बनाई जा रही हैं। इसके दूसरे भाग में 150.72 करोड़ से 180.29 किमी लंबी 40 सड़कें बनाई जानीं है। निर्माण एजेंसी तय कर दी है। दूसरे चरण में -112.69 करोड़ से 152 किमी लंबी 60 सड़कें बनाई जाएंगी। तीसरे चरण में- 162 करोड़ से 216 किमी लंबी 86 सड़कें बनेंगी। चौथे चरण में – 187.74 करोड़ से 254 किमी लंबी 97 सड़कें
पांचवें चरण में – 801 करोड़ की लागत से 1187 किमी लंबाई वाली 627 सड़कें बनेंगी।
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