कहा जा रहा है कि आने वाले समय मे अगर उपचुनाव की स्थिति बनती है तो नारायण त्रिपाठी उपचुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं। वहीं, भाजपा ने दोनों नाराज विधायकों को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ( Rajendra Shukla ) और भूपेन्द्र सिंह ( Bhupendra Singh ) को सौंपी है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह अभी भी कह रहे हैं कि दोनों विधायक उनकी पार्टी के हैं।
वहीं, दूसरी तरफ नारायण त्रिपाठी का कहना है कि कौन क्या कह रहा, उनको कहने दीजिए। ज्यादा तकनीकी चीजे में जानता नहीं हूं। मुझे बस इतना पता है कि जो संविधान के मुताबिक होगा वो फाइनल हो जाएगा। नारायण त्रिपाठी ने कहा- वे मैहर की जनता ते लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
सूत्रों की मानें तो उपचुनाव की स्थिति आने पर दोनों बागी विधायकों को कांग्रेस की तरफ से टिकट दिया जाएगा। जब तक दोनों विधायकों की विधानसभा में सदस्यता बरकरार रहेगी। तब तक कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकते हैं बाहर से वो कांग्रेस का समर्थन कर सकते हैं। उपचुनाव की स्थिति तब बनेगी जब भाजपा व्हिप जारी करे और ये विधायक व्हिप का उल्लंघन कर कांग्रेस को समर्थन दें। ऐसी स्थिति में दोनों को कांग्रेस सदस्यता देकर अपनी ओर से चुनाव लड़ाएगी। संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर कहते हैं कि ये सब भविष्य की बाते हैं आज की स्थिति में इनका उत्तर नहीं दिया जा सकता है।
बुधवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में आपराधिक कानून (संशोधन) बिल पर मतदान के दौरान दो भाजपा विधायकों, नारायण त्रिपाठी और शरद कौल ने कमल नाथ ( Kamal Nath ) सरकार के पक्ष में मतदान किए। इसके बाद कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। वहीं, दोनों बागी विधायकों ने कहा- भाजपा में उनका सम्मान नहीं था जिस कारण से वो कमल नाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग किए हैं।