सोम श्रवण नक्षत्र में रक्षाबंधन का त्यौहार अलग-अलग प्रकार के योगों की स्थिति भी बनाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि के साथ-साथ रवि योग का भी अनुक्रम रहेगा। यही नहीं, ग्रहों में केंद्र त्रिकोण के संबंध भी बनेंगे। यह स्थिर समृद्धि व धार्मिक उन्नति का भी सूचक है। इस दृष्टि से सोम, श्रवण नक्षत्र महत्वपूर्ण है, यह त्यौहार भाई-बहनों के लिए विशेष शुभकारी रहेगा।
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आमतौर पर इस पर्व पर भद्रा की स्थिति बनती है। इस बार भी रक्षाबंधन के दिन भद्रा रहेगी, लेकिन इस बार भद्रा की स्थिति सुबह से दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगी, इसके बाद राखी बांधना शुभ रहेगा। पंडितों का कहना है कि इस बार भद्रा का वास पाताल में रहेगा, इसलिए इसका ज्यादा प्रभाव नहीं रहेगा।
इस बार रक्षाबंधन का त्यौहार मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में रहेगा। मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी और श्रावण मास को लेकर के ग्रंथ में अलग-अलग मान्यताएं दी गई हैं। हम यहां मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी की बात कर रहे हैं, मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में भद्रा पातालवासिनी रहेगी। यह धन कारक मानी जाती है। इस दिन कोई शुभ कार्य की शुरुआत अनुकूल मानी जाती है। कुछ लोग इस दिन प्रतिष्ठान का आरंभ भी करते हैं।
शुरु हो गई तैयारियां
रक्षाबंधन पर्व के लिए अब एक पखवाड़े से कम समय रह गया है। ऐसे में शहर में तैयारियां शुरू हो गई है। बाजारों में जगह-जगह राखियों के स्टॉल सजने लगे हैं और खरीदारी का दौर शुरू हो गया है। शहर के बाजारों में इस बार कई वैरायटियों की राखियां है। बाजारों में खरीदारी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में और भीड़ बढऩे की संभावना है। ब्रह्मशक्ति ज्योतिष संस्थान के पं. जगदीश शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन कई शुभ योग रहेंगे।