महिलाओं की सुरक्षा आरपीएफ में करीब 9 फीसदी महिलाएं आरपीएफ कर्मी हैं, जो महिला यात्रियों की मदद करती हैं। इस तरह ट्रेनों और स्टेशनों पर छूटे हुए करीब 362 नग सामान बरामद किया गया। इसकी कुल कीमत करीब 8 लाख रुपए थी। बरामद सामान यात्रियों को सुपुर्द किया गया। सामान में मुख्य रूप से मोबाइल फोन, महिलाओं की ज्वैलरी, लैपटॉप जैसा सामान शामिल रहा। आरपीएफ को 58 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से अपराधियों को पकड़ने में मदद मिली। गत वर्ष आरपीएफ ने मंडल स्तर पर 357 बालक-बालिकाओं को बचाया। इनमें 144 बालक और 213 बालिकाएं शामिल रहीं। रेलवे का यह अभियान लगातार जारी है। इसके तहत यात्रियों की सुरक्षा को प्रमुखता दी जाती है। रेलवे द्वारा समय-समय पर आकस्मिक चैकिंग की कार्रवाई भी की जाती है। इसमें भी बड़ी संख्या में अवैध काम करने वाले पकड़ में आते हैं। उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर आगे की कार्रवाई की जाती है। प्लेटफॉर्म पर खाद्य सामग्री की जांच के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है।