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इन 5 प्रमुख कंपनियों ने दबाए करोड़ों
– महू-घाटाबिल्लौद रोड, एस्सल महू घाटाबिल्लौद रोड रोडस प्राईवेट लिमिटेड ने 7 साल से प्रीमियम राशि125 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए।
– इंदौर-उज्जैन रोड, महाकालेश्वर टोलवेयज प्राईवेट लिमिटेड ने 9 साल से 6 करोड़ रुपए प्रीमियम राशि जमा नहीं कराई।
– लेबड़-मानपुर रोड, वलेचा एलएम टोल्स प्राईवेट लिमिटेड ने पांच साल से 6 करोड़ रुपए प्रीमियम राशि जमा नहीं कराई।
– बीना-कुरवाई-सिरोंज रोड, टेलीकम्यूनिकेशन कंसल्टेंटस इंडिया लिमिटेड ने पांच साल से 6.15 करोड़ प्रीमियम राशि जमा नहीं कराई।
– भोपाल बायपास, ट्रांसट्राय भोपाल बायपास टोलवेज लिमिटेड ने 6 साल की प्रीमियम राशि 140.35 करोड़ जमा नहीं कराई।
ओएमटी मॉडल में भी 100 करोड़ की चपत
सरकार ने ठेकेदारों को सड़क बनाकर 15 साल तक चलाने के लिए दी हैं। इनमें कई ओएमटी मॉडगलकी सड़कों से 100 करोड़ की वसूली नहीं की गई।
एमपीआरडीसी ने चार मॉडल पर बनाई सड़कें
– बीओटी मॉडल – इसमें ठेकेदार को सड़क बनाने और चलाने के लिए ठेका दिया। इसमें ज्यादा ट्रैफिक वाली सड़कों पर प्रीमियम लेने का प्रावधान है।
– बीओटी प्लस एन्यूटी मॉडल – कम ट्रैफिक वाली सड़के ठेकेदार को को दी गई। सड़क बनाने और उसे 15 साल तक मरम्मत करने पर होने वाले खर्च की भरपाई टोल से की गई। कम टोल टैक्स मिलने पर सरकार इसमें क्षतिपूर्ति देती है।
– ओएमटी मॉडल- सरकार ठेकेदार को बनी बनाई अच्छी सड़क 15 साल तक चलाने के लिए ठेके पर देती है। इसमें ठेकेदार टोल टैक्स के पैसों से सड़क की मरम्मत करता है और सरकार को कमाई का एक हिस्सा भी देता है।