इससे गावों में बिजली कटौती शुरू कर दी गई है। राजधानी भोपाल सहित संभाग के कई गांवों में कटौती हो रही हे. पास के राजगढ़ जिले और सीहोर, रायसेन, विदिशा जिलों के कई गांव में रोज करीब 4 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार कमी के चलते आने वाले दिनों में ग्रामीण इलाकों में बिजली संकट गहरा सकता है।
मध्यप्रदेश में बिजली की जरूरत ओवर ड्रा कर पूरी की जा रही है. मुंबई के पश्चिम क्षेत्र लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को सुबह 11:30 बजे इलाके में बिजली की डिमांड 13742 मेगावाट पहुंच गई थी। 505 मेगावाट बिजली ओवर ड्रा करके यह डिमांड पूरी की जा सकी. गौरतलब है कि रबी सीजन के लिए बिजली की मांग 17 हजार मेगावॉट तक पहुंच सकती है.
एमपी के स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने रबी सीजन के लिए यह संभावना जताई है। प्रदेशभर के ताप और पनबिजली घर सहित सभी स्रोतों को मिलाकर मौजूदा हालात में सिर्फ 4412 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। बिजली संकट के बीच अधिकारियों का दावा है कि प्रदेश के किसानों को आपूर्ति का कोई संकट नहीं आने देंगे. अधिकारी कह रहे हैं कि 17500 मेगावाट डिमांड की भी पूर्ति करेंगे.
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इस संबंध में मध्यप्रदेश के ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि घोषित कटौती नहीं की जा रही है, सिस्टम ब्रेकडाउन के कारण कहीं कटौती हो सकती है. उनका कहना है कि प्रदेश में कहीं भी किसी तरह का बिजली संकट नहीं है और न ही ऐसी स्थिति आने देंगे। किसानों के लिए 17500 मेगावाट की भी डिमांड पहुंची तो उसकी पूर्ति भी हर हाल में कर देंगे।