सरकार ने हर संबंधित विभाग को इसके लिए लक्ष्य दिए हैं, वहीं भाजपा ने मंडल स्तर तक कार्यक्रम को लाइव करने की तैयारी की है। भाजपा आदिवासी समुदाय के बड़े चेहरों को कार्यक्रम में जोड़ेगी। साथ ही आदिवासी वर्ग के विधायक, सांसद, नेता और अन्य प्रबुद्धजन बुलाए जाएंगे। भाजपा की तैयारी इसे 2023 के लिए चुनावी शंखनाद की तरह करने की है।
यह भी पढ़ें इधर, वोटों के लिए कांग्रेस भी सतर्क आदिवासी वोट बैंक का महत्व कांग्रेस भी समझती है। इस कारण कांग्रेस भी सतर्क है। कांग्रेस उसी दिन जबलपुर मेंजनजातीय सम्मेलन कर रही है। कांग्रेस इस आयोजन के जरिए भाजपा के आयोजनमें आदिवासी समुदाय की शिरकत को बांटने का प्रयास कर रही है। साथ ही यह संदेश देने की कोशिश है कि कांग्रेस अब भी आदिवासी समुदाय के साथ है।