अपने आखिरी चुनावी रैली के बाद मध्यप्रदेश के खरगोन में पीएम ने कहा था कि गांधी जी या गोडसे के बारे में जो बयान दिए गए हैं वो बहुत खराब है और समाज के लिए बहुत गलत है। ये अलग बात है कि उन्होंने माफी मांग ली लेकिन मैं उन्हें मन से कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।
पीएम मोदी से पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी साफ कर दिया था कि साध्वी का बयान व्यक्तिगत है। यह हमारी पार्टी की विचारधारा से नहीं मिलती है। पार्टी के अनुशासन समिति ने उनसे जवाब मांगा है। साथ ही अनुशासन समिति 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट तैयार कर पार्टी को सौंपेगी
पार्टी के दो बड़े नेताओं ने उस वक्त भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा पर सख्ती दिखाई थी। डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त बीत गए लेकिन अब तक न तो अनुशासन समिति ने पार्टी को कोई रिपोर्ट सौंपी है और न ही साध्वी के ऊपर कोई एक्शन हुआ है। साथ ही पार्टी ने भी कोई जानकारी नहीं दी कि उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अनुशासन समिति को जवाब सौंप दी हूं
चार जून को ही साध्वी प्रज्ञा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि गोडसे वाले बयान पर अनुशासन समिति को जवाब भेज दिया हूं। इसके साथ ही मैं अब पार्टी के नियमों का पालन करूंगी। लेकिन साध्वी के जवाब दिए हुए भी एक महीने हो गए हैं। मगर बीजेपी की कोई प्रतिक्रिया साध्वी वाले बयान पर नहीं आई है। उन्हें माफ कर दिया गया है या कोई कार्रवाई होगी।
वहीं, पीएम मोदी जब एनडीए के नए सांसदों से संसद के सेंट्रल हॉल में मिल रहे थे, तब साध्वी हाथ जोड़ीं तो पीएम मोदी ने भी हाथ जोड़ मुंह फेर लिया। उसके बाद उन्होंने हाथ से इशारा करते हुए आगे बढ़ने का इशारा किया। पीएम इस दौरान थोड़े असहज भी दिखे थे। वहीं, साध्वी की बॉडी लैंग्वेज भी कुछ ऐसा ही था। वो आगे बढ़ गईं, उसके बाद जो भी सांसद आएं पीएम मोदी ने उनसे प्यार से मिले।