माह के आंत तक सरकारी ओपचारिक्ताएं होंगी पूरी!
बता दें कि, बीते मंगलवार को प्रदेश के दोनो ही प्रस्तावित शहरों को पीआईबी ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की मंजूरी दे दी है। अब इसे कैबिनेट की औपचारिक मंजूरी मिलना बाकि है। बात यह है कि, सरकार खुद इस प्रोजेक्ट को विधानसभा चुनाव से पहले शुरु करके जनता के सामने अपना काम पेश करना चाहती है, इसलिए प्रोजेक्ट को केबिनेट से मंजूरी मिलना तय है। भोपाल में मेट्रो रूट का काम शुरू होने की स्थिति में है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कंपनी एक सप्ताह में वर्क ऑर्डर जारी कर देगी और इस महीने के अंत में भूमिपूजन की औपचारिकता भी पूरी हो जाएगी। सूत्रों से यह जानकारी भी सामने आई है कि, प्रधानमंत्री मोदी भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ साथ तय दिन में ही नए मंत्रालय ऐनेक्सी का भी शुभारंभ करेंगे।
तीन महीने में जमीन पर आएगा काम
फिलहाल, भोपाल के लिए प्रस्तावित मेट्रो प्रोजेक्ट को कागजों से जमीन पर आने में अभी भी लगभग तीन महीनों का समय लग सकता है। इसके पीछे कारण यह है कि, पहले चरण में होने वाले प्रस्तावित काम यानि एम्स से सुभाष नगर तक 6.225 किमी रूट के सिविल वर्क का काम लेने वाली कंपनी दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड अभी इसके डिज़ाइन को तैयार कर रही है। फिलहाल, कंपनी मेट्रो मार्ग का सर्वे कर रही है। कंपनी द्वारा पहले चरण में होने वाले इस काम का बजट पेश कर चुकी है, जिसमें करीब 247.06 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
बजट को मिली मंजूरी
बता दें कि, केंद्र सरकार की तरफ से यह नियम है कि किसी भी बड़े रेल प्रोजेकेट पर काम करने से पहले पीआईबी की मंजूरी लेना ज़रूरी है, पहले वह अपने स्तर पर जांच करेगी फिर सभी चीजें उसके अनुकूल होने के बाद वह प्रोजेक्ट को मंजूरी देगी, पीआईबी की मंजूरी के बाद ही प्रोजेक्ट शुरु हो सकता है। फिलहाल प्रदेश में प्रस्तावित दोनो मेट्रो प्रोजेक्टों को पीआईबी की तरफ से हरी झंडी मिलने से यह तो साफ हो गया है, कि अब मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले दोनो शहरों में काम शुरु हो जाएगा। यह भी बता दें कि, राजधानी भोपाल में शुरु होने वाले इस प्रोजेक्ट में 22,504.25 करोड़ रुपए खर्च होंगे जिसमें 9.503 किमी मार्ग बनाया जाएगा और वहीं, इंदौर में इस प्रोजेक्ट पर 26,762 करोड़ रुपए खर्च होंगे जिसमें 10.425 किमी मार्ग बनाया जाएगा, इस प्रोजेक्ट में खर्च होने वाली प्रस्तावित राशि को भी मंजूरी मिल चुकी है।