बीना रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल्स काम्प्लेक्स का काम समय पर चालू हो सके इसके लिए कई निर्माण कार्य शुरु कर दिए गए हैं। विशाल प्रोजेक्ट होने के कारण कई हिस्सों में काम चल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शिलान्यास किए जाने के बाद से ही पेट्रोकेमिकल्स कांप्लैक्स से संबंधित अलग-अलग काम शुरु कर दिए गए थे।
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पेट्रोकेमिकल काम्पलेक्स बीना रिफाइनरी की तुलना में तीन गुना बड़ा प्रोजेक्ट है। रिफाइनरी में वर्तमान में सालाना 7.8 मिलियन मीट्रिक टन तेल शोधित किया जाता है। इसकी क्षमता करीब दोगुना बढ़कर 15 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी। बीना पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स में कई ग्रेड के सालाना करीब 22 लाख मीट्रिक टन पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन हो सकेगा।
पेट्रोकेमिकल हब बनने के बाद यहां करीब 250 तरह के सामानों के उद्योग स्थापित होने की बात कही जा रही है। हब बनने के बाद बीना रिफाइनरी के कच्चे तेल से निकलने वाले सल्फर और नेप्था सहयोगी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यहीं बेचा जाएगा।
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बीना प्लांट में अभी कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) को रिफाइन कर पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के अलावा केरोसिन, सल्फर और पेप्टिक तैयार किए जाते हैं। 320 एकड़ एरिया में पेट्रोकेमिकल्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण प्रस्तावित है। वर्तमान में रिफाइनरी करीब 2600 एकड़ में फैली है। इसमें प्लांट और ग्रीन बेल्ट है। प्लांट के अंदर खाली पड़ी जमीन पर काम शुरू हो चुका। कंपनियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
पेट्रोकेमिकल हब को देखते हुए बीना रिफाइनरी में भी कई बदलाव किए जारहे हैं। हाल ही में बीपीसीएल ने भांकरई गांव के पास 40 एकड़ में सौर ऊर्जा संयंत्र लगा जिससे 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू भी हो गया है। इस संयंत्र से रिफाइनरी की कुल खपत की करीब 15 प्रतिशत बिजली मिलेगी।