एमपी कांग्रेस दो फाड़ हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ बड़े नेता लामबंद हो गए हैं। कांग्रेस हाईकमान से उन्हें हटाने की मांग की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार पर भी निशाना साधा जा रहा है।
यह भी पढ़ें : एमपी कांग्रेस का बड़ा फैसला, छिंदवाड़ा में बदलेगी कमान, कमलनाथ समर्थकों को भी हटा रही पार्टी दिग्गज नेता कमलनाथ से जीतू पटवारी की तनातनी सर्वविदित है। वरिष्ठ कांग्रेसी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी जीतू पटवारी की कार्यशैली पर खुले तौर पर सवाल उठा चुके हैं। अब मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने भी जीतू पटवारी को कठघरे में खड़ा करते हुए प्रदेश में पार्टी की दयनीय स्थिति के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है।
लोकसभा चुनाव के ऐन पहले जीतू पटवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही कांग्रेस से पलायन शुरु हो गया था। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व मंत्री और विधायक रामनिवास रावत, विधायक कमलेश शाह, विधायक निर्मला सप्रे सहित अनेक पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों और जिलाध्यक्षों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली।
यह भी पढ़ें : कांग्रेस का बड़ा फैसला, एमपी की कार्यकारिणी भंग, पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष को बुलाया दिल्ली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की सभी 29 सीटें हार गई।आपातकाल के बाद हुए चुनावों में भी कांग्रेस की ऐसी दुर्गति नहीं हुई थी। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रवक्ता अमिताभ अग्निहोत्री ने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर हमला करते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की है। इसके लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा।
अमिताभ अग्निहोत्री के अनुसार जीतू पटवारी प्रदेश अध्यक्ष बने रहे तो प्रदेश में कांग्रेस अगले विधानसभा चुनावों में 20 सीटें भी नहीं जीत पाएगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के 66 विधायकों में से पार्टी 50 सीटों पर पीछे रही। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार पर भी निशाना साधा है।
यह भी पढ़ें : अमरवाड़ा से कांग्रेसी प्रत्याशी तय! जानिए तीन बार के विधायक को कौन देगा टक्कर वैसे अमिताभ अग्निहोत्री ने पुत्रवाद पर कमलनाथ को भी घेरा है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस में पुत्रवाद, परिवारवाद, पट्टावाद, पूंजीवाद और चापलूसवाद को तवज्जो दी जा रही है।
इससे पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी को घेर चुके हैं। अजय सिंह ने कहा था कि पटवारी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में नेता-कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस क्यों छोड़ी, इसकी समीक्षा होनी चाहिए। अजय सिंह ने लोकसभा चुनाव में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए थे।