सफर के दौरान यदि कोई यात्री ट्रेन या स्टेशन पर मास्क नहीं पहनता, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करता, कोविड-19 संक्रमित होने या सैंपल देने के बाद रिपोर्ट नहीं आने के पहले ट्रेन में यात्रा करता पाया जाए तो उसे रेलवे पांच साल तक की सजा दे सकता है।
देना होगा जुर्माना
वहीं अगर आप यात्रा के दौरान कोई भी व्यक्ति ट्रेन के अंदर थूकता पाया जाता है और कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जारी निर्देशों का पालन नहीं करता मिलता तो उसके खिलाफ भी रेलवे एक्ट-1989 की धारा-153 के तहत जुर्माने या सजा का प्रावधान होगा। बता दें कि रेलवे एक्ट-1989 के तहत आने वाली धारा-153 में ऐसी सजा दी जा सकेगी। इस धारा में जनहानि व रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले दर्ज होते हैं। कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर इसी धारा के तहत सजा दी जाएगी।