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कमजोरी, डेंगू बुखार, पेट की समस्या, चर्म रोग आदि समस्याओं के लिये पपीते और नीम का उपयोग करने से फायदा होता है। ब्लड प्लेटलेट्स कम होने के समय पपीते का रस सबसे ज्यादा लाभकारी है। पपीते का रस पीने से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ जाती हैं। इससे कम से कम तीन माह तक नियमित उपयोग में लाना चाहिये।
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डेंगू और चिकनगुनिया के लिये लाभदायक
डॉक्टर के मुताबिक डेंगू और चिकनगुनिया के रोगियों को पपीते के रस और पपीते की पत्तियों के रस का उपयोग नियमित करने से लाभ मिलता है। इससे किसी प्रकार का साइड इफ्केट नहीं है। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि मात्रा उचित हो क्योंकि सभी औषधि मात्रा से अधिक सेवन करना वर्जित होता है। पपीते का फल, पपीते की जड़ें और पपीते के पत्ते का अर्क (रस) का उपयोग नियमित किया जा सकता है। ये स्वस्थ्य के लिये लाभकारी है।
पपीते के पत्तों का जूस पीने के फायदे
पपीते का फल, पपीते की जड़ें औ पत्तियां कैंसररोधी गुण होते हैं। जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। डॉक्टर के अनुसार सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर जैसे कैंसर के सेल्स को बनने से रोकते हैं। साथ ही शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी पपीते के पत्तों का रस सहायक है। यह खून में वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स को बढ़ाने में भी मदद करता है। यही कारण है कि अस्वस्थ्य व्यक्ति को पपीते का सेवन अधिक करने की सलाह दी जाती है।
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पेट में दर्द के लिये अच्छी दवा
पपीते का फल, पपीते की जड़ें और पपीते के पत्ते का अर्क (रस) पेट के लिये भी फायदेमंद है। डेंगू और मलेरिया से लड़ने में पपीते की पत्तियों का जूस काफी लाभकारी रहता है। यह बुखार की वजह से गिरती प्लेटलेट्स को बढ़ाने और शरीर में कमजोरी को बढ़ने से रोकता है। वहीं महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट दर्द को दूर करने में सहायक है। ऐसे में अगर पपीते की पत्ती को इमली, नमक और 1 ग्लास पानी के साथ मिलाकर काढ़ा बनाया जाए और इसे ठंडा करके पिया जाए तो काफी आराम मिलता है।