कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि झूठे आरोप लगाकर केन्द्र की भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही। गौरतलब है कि सीबीआई और ईडी की निगाह से बचते रहे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बुधवार की रात में सीबीआई और ईडी की टीम ने दरवाजा बंद देख दीवार फांदकर उन्हें गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से देशभर में कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
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अब सीबीआइ कोर्ट से ही मिल सकेगी जमानत
27 घंटे की लुकाछिपी के बाद बुधवार देर रात पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआइ ने गिरफ्तार कर लिया। दीवार फांद कर घर में घुसी सीबीआइ की टीम रात करीब 9 बजकर 46 मिनट पर चिदंबरम को गिरफ्तार कर सीबीआइ मुख्यालय ले गई। सीबीआइ मुख्यालय में देर रात तक उनसे पूछताछ चलती रही। चिदंबरम को गुरुवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा। चिदंबरम की जमानत पर सुनवाई अब सीबीआइ कोर्ट में ही होगी।
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इससे पहले चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। बुधवार सुबह चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस एनवी रमना से गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी, कोर्ट ने कहा कि ‘हम मामले को चीफ जस्टिस के यहां भेज रहे हैं, वही मामले को देखेंगे।
‘मेरा मुवक्किल कहीं भाग नहीं रहा
सिब्बल फिर जस्टिस एनवी रमना की कोर्ट में पहुंचे। उन्होंने कहा कि अब तक अर्जी की लिस्टिंग की सूचना नहीं मिली है, ‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए दोबारा आए हैं।, ‘मेरा मुवक्किल कहीं भाग नहीं रहा है और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया है। वह यह लिखकर देने को तैयार हैं कि उनका मुवक्किल कहीं भाग नहीं रहा है।
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कानून से भाग नहीं रहा, आजादी के लिए लडऩा पड़ता है: चिदंबरम
दिल्ली हाईकोर्ट से मंगलवार को अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद से लापता रहे चिदंबरम बुधवार रात करीब 8 बजकर 13 मिनट पर अचानक दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘मुझे आजादी और जिंदगी में से किसी एक को चुनना होगा तो मैं आजादी चुनूंगा।
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मैं कानून से भाग नहीं रहा था, आजादी के लिए लडऩा पड़ता है। मैंने तत्काल राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन राहत नहीं मिली। ‘मैं कानून का सम्मान करता हूं, जांच एजेंसियों को भी कानून का सम्मान करना चाहिए, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक इंतजार करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।