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आनलाइन गेम में बच्चों की बढ़ती लत, शिकायतों के बाद पुलिस ने जारी की एडवायजरी

गेमिंग के लिए बच्चे अपने माता—पिता के एकाउंट से चोरी—छिपे ट्रांजेक्शन करते हैं और जब ये बात सामने आती है तो खौफनाक कदम उठाने की ओर बढ़ जाते हैं.

भोपालSep 02, 2021 / 01:32 pm

deepak deewan

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भोपाल. छतरपुर के महज 13 के कृष्णा ने घर पर ही फांसी लगा ली. वह आनलाइन गेम फ्री फायर खेलने के लिए अपनी मां के खाते से भुगतान कर रहा था और इसमें 40 हजार रुपए गंवा चुका था. सुसाइड नोट में उसने यह बात लिखी भी. करीब एक माह पहले हुई इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया था. सबसे बुरी बात तो यह है कि ऐसी घटनाएं बढ़ने का अंदेशा है.

आनलाइन गेम में बच्चों की लत बढ़ती जा रही है और इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं. गेमिंग के लिए बच्चे अपने माता—पिता के एकाउंट से चोरी—छिपे ट्रांजेक्शन करते हैं और जब ये बात सामने आती है तो खौफनाक कदम उठाने की ओर बढ़ जाते हैं. राज्य की साइबर सेल में ऐसी शिकायतें लगातार बढ़ रहीं हैं. हाल ये है कि बच्चों द्वारा माता—पिता के खाते से चुपके से ट्रांजेक्शन करने की हर सप्ताह कम से कम एक शिकायत सामने आ रही है.

राज्य साइबर सेल में एक माह में ऐसी 4 शिकायतें आ चुकी हैं जिनमें बच्चों ने अगले लेबल में जाने के लिए माता पिता के खाते से ट्रांजेक्शन किया. यहां तक कि मोबाइल पर आए बैंक के ओटीपी का मैसेज भी डिलीट कर दिया. माता पिता को शंका हुई तो उन्होंने साइबर सेल में शिकायत कर दी. सेल की जांच के बाद यह बात सामने आई कि किसी और ने नहीं बल्कि उनके बच्चों ने ही खाते से रकम निकाली है.

हालांकि इन मामलों में पुलिस ने बच्चों पर कोई केस दर्ज नहीं किया लेकिन माता—पिता के साथ ही पुलिस को भी चौंका दिया. ऐसे में राज्य साइबर सेल ने इस संबंध में बाकायदा एडवायजरी जारी की है. राज्य के साइबर सेल के एडीजी योगेश चौधरी बताते हैं कि गेम खेलने की धुन में बच्चे माता पिता के आनलाइन बैंकिंग या डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. कई बार बच्चे बैंक की जानकारी गेम के पेमेंट मोड में ही सेव कर देते हैं. ओटीपी मैसेज भी डिलीट कर देते हैं. इससे बचना जरूरी है.

गेम गुरु का खतरनाक रोल
आनलाइन गेम खेलने के दौरान बच्चे आमतौर पर कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आते हैं जो इन्हें गाइड करते हैं. बच्चे इन्हें गुरु मानने लगते हैं. ये आनलाइन गेम गुरु बच्चों को अगले लेबल में जाने के तरीके बताने से लेकर गेम के लिए वर्चुअल हथियार, गेम के वस्त्र या अवतार आदि खरीदने के लिए उकसाते हैं. इसके लिए पैसा जरूरी होता है और बच्चे अपने मातापिता के खाते का उपयोग करने लगते हैं.

चीन में कड़े नियम
आनलाइन गेम के दुष्परिणामों को देखते हुए चीन में एक सितंबर से बेहद कड़े नियम लागू हो गए हैं. इन नियमों के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को 3 घंटों से ज्यादा गेमिंग की इजाजत नहीं है. स्कूल के दिनों में गेम पूरी तरह से बैन कर दिए गए हैं. वीकेंड और अवकाश के दिनों में भी बच्चे 1 घंटे से ज्यादा गेम नहीं खेल सकेंगे. दुर्भाग्य से भारत में ऐसे कोई नियम अभी तक नहीं बनाए गए हैं.

ये है पुलिस की एडवायजरी
— पेरेंट्स अपने बच्चों को यथासंभव मोबाइल से दूर ही रखें. ऑनलाइन क्लास के लिए भी बिना सिम कार्ड वाला मोबाइल दें. बाजार में ऐसे टेबलेट उपलब्ध हैं, जिनमें सिम नहीं लगती. बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें, प्ले स्टोर पर पेरेंटल कंट्रोल ऑन करें. बच्चे अपने माता-पिता के मोबाइल से भी गेम खेलते हैं। बच्चों को वाई-फाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें।

बच्चों को बैंक खातों के बारे में न बताएं, खासतौर पर पासवर्ड बच्चों को न बताएं। खासकर जब आपके बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की ही सिम मोबाइल सेट में उपयोग हो रही हो तब अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है. कोई शिकायत हो तो www.cybercrime.gov.in पर या टोल फ्री नंबर155260 पर शिकायत करें।

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