नगर निगम भोपाल में संबल घोटाला करनेवाले अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया था। निगम को अपना यह सख्त कदम वापस खींचना पड़ा। अब नगर निगम ने सुभाष जोशी, मयंक जाट, अनिल शर्मा, मृणाल खरे, अभिषेक श्रीवास्तव और अवधनारायण मकोरिया को बहाल कर दिया है।
यह भी पढ़ें : 9 महीने का एरियर काटकर होगी महंगाई भत्ता में बढ़ोत्तरी! एमपी में डीए पर बड़ा अपडेट निलंबित अधिकारी न्यायालय गए थे जहां उन्होंने कार्रवाई को चुनौती दी थी। नगर निगम की ओर से मजबूत तर्क प्रस्तुत नहीं किए जाने के चलते कोर्ट में उनके पक्ष में निर्णय सुनाया गया है। जानकारों ने इस पूरी प्रक्रिया में जांच और कानूनी तर्क वितर्क पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
नेता प्रतिपक्ष शाबिस्ता जकी ने कहा कि नगर निगम ने जानबूझकर कमजोर जांच रिपोर्ट तैयार की जिसमें भी कई खामियां उत्पन्न की गईं। इससे दोषी अफसरों को फायदा मिला। निगम द्वारा सस्पेंड करने की कार्रवाई के खिलाफ जोनल अधिकारी सुभाष जोशी और मयंक जाट हाईकोर्ट चले गए थे। उन्होंने एक ही मामले में दो बार सस्पेंड किए जाने का तर्क रखा था। इस पर कोर्ट ने दोनों को बहाल करने के आदेश दिए । निगम की ओर इसका पालन नहीं किए जाने पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की नौबत आ गई थी। ऐसे में निगम ने आधा दर्जन अधिकारियों को बहाल कर दिया है।
निगम अधिकारियों के अनुसार केस में दो जोनल अधिकारी हाईकोर्ट चले गए थे, जबकि दो अधिकारियों की ओर से 100 प्रतिशत राशि और अन्य दो की ओर से 80 प्रतिशत राशि जमा करा दी गई है। ऐसे में इनको बहाल किया गया है। सुभाष जोशी को अतिक्रमण शाखा में पदस्थ किया गया है बाकी पांच अधिकारियों को स्वच्छ भारत मिशन के काम में लगाया गया है।