भोपाल. विश्व एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज) दिवस पर प्रदेश में शनिवार से कई जागरुकता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। आयुक्त स्वास्थ्य एवं राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने हाथीपांव (लिम्फैटिक फाइलेरिया) से ग्रसित जिलों के अधिकारियों-कर्मचारियों को विशेष वीडियो संदेश जारी किए हैं। विभिन्न जिलों में हाथीपांव से ग्रसित रोगियों को आवश्यक जानकारियां तथा देखभाल के लिए मेडिकल किट का वितरण और स्वसुरक्षा के लिए शिक्षण कैंप का आयोजन किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एनटीडी रोडमैप (2021-2030) के अनुसार भारत अब इसके लिए पूरी तरह तैयार है। मध्यप्रदेश में भी इसके लिए कई कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। प्रदेश के राज्य कार्यक्रम अधिकारी वेक्टर बोर्न डिजीजेज अधिकारी डॉ. हिमांशु जायसवार ने कहा कि हमारी कोशिश है कि भारत 2030 से पहले एनटीडी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर ले। हम मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की गतिविधि का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अभियान को सफलतापूर्वक चला रहे हैं। इसके साथ ही शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचकर उन्हें डीईसी तथा ऐलबेन्डाजोल की गोलियां का सेवन कराकर प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त करने का सार्थक प्रयास कर रहे हैं। एनटीडी में लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव), विसेरल लीशमैनियासिस (कालाजार), लेप्रोसी (कुष्ठरोग), डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, रेबीज जैसे रोग शामिल होते हैं। इनकी रोकथाम संभव है। अभी इन रोगों के कारण भारत के हज़ारों लोगों की हर साल या तो मौत हो जाती हैं या फिर वे विकलांग हो जाते हैं।
मध्य प्रदेश में हाथीपांव से 11 जिले ग्रसित मध्य प्रदेश में हाथीपांव से कुल 11 जिले ग्रसित हैं, जिसमें कुल आबादी लगभग 2 करोड़ की है। इसके लिए सार्थक प्रयास करते हुए 05 जिलों को फाइलेरिया उन्मूलन के करीब लाया गया है। अभी केवल 06 जिलों में हाथीपांव का प्रभाव अधिक होने के कारण उनमें मास ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन के नियमित चक्र चलाए जा रहे हैं।